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‘नमाज पढ़ने से कोई जगह मस्जिद नहीं हो जाती..’, ज्ञानवापी पर CM योगी के बयान के समर्थन में बोले विष्णु शंकर जैन

ज्ञानवापी विवाद मामले के हिंदू पक्षकार के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि ज्ञानवापी में जिस तरीके से जबरदस्ती घुसकर नमाज पढ़ी जा रही थी, वो बिल्कुल गलत था. नमाज पढ़ने से कोई जगह मस्जिद नहीं हो जाती.

Vishnu Shankar Jain

ज्ञानवापी विवाद मामले के हिंदू पक्षकार के वकील विष्णु शंकर जैन

Gyanvapi Case: उत्‍तर प्रदेश में वाराणसी के ज्ञानवापी विवाद मामले के हिंदू पक्षकार के वकील विष्णु शंकर जैन ने सीएम योगी के उस बयान का समर्थन किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि कुछ लोग ज्ञानवापी को मस्जिद कहते हैं, जो गलत है. ज्ञानवापी साक्षात ‘विश्वनाथ’ हैं.

विष्णु शंकर जैन बोले, “सीएम योगी का बयान बिल्कुल सही है. ज्ञानवापी परिसर चीख-चीख कर कह रहा है कि ये एक हिंदू परिसर है. 16 मई 2022 को वहां शिवलिंग की प्राप्ति हुई थी, जो अभी शील्ड है. इसकी जांच अभी बाकी है.”

ज्ञानवापी में जबरदस्ती घुसकर नमाज पढ़ी जा रही थी- जैन

उन्होंने कहा, “ज्ञानवापी में जिस तरीके से जबरदस्ती घुसकर नमाज पढ़ी जा रही थी, वो बिल्कुल गलत था. नमाज पढ़ने से कोई जगह मस्जिद नहीं हो जाती, ज्ञानवापी हमारे आराध्य भगवान महादेव के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है. इस पर सीएम योगी के बयान का मैं स्वागत करता हूं और न्यायपालिका में विश्वास रखता हूं कि जल्द से जल्द ज्ञानवापी का केस सॉल्व कर लिया जाएगा.”

वकील विष्णु शंकर जैन ने मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद को लेकर चल रहे कानूनी लड़ाई पर कहा, “मथुरा श्री कृष्ण जन्मभूमि केस में हमारी मांग है कि वहां पर एडवोकेट कमीशन द्वारा सर्वे हो. एडवोकेट कमीशन के सर्वे के लिए हमारी पिटीशन को इलाहाबाद कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के आर्डर पर रोक लगा दी है. अभी ये सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है.”

मथुरा में जब सर्वे होगा तो साबित होगा वो मस्जिद नहीं

विष्णु शंकर बोले, “हमें लगता है कि श्री कृष्ण जन्मभूमि का केस बहुत ही मजबूत है. जब भी सर्वे होगा, ये साबित हो जाएगा कि वहां पर ईदगाह मस्जिद नहीं है. हमारे ईश्वर के परिसर पर जबरन कब्जा करके उसको मस्जिद का नाम देने की कोशिश की गई.”

वक्फ बोर्ड से निपटने के लिए कानून जरूर

वक्फ बोर्ड में संशोधन को लेकर उन्होंने कहा, “जो संपत्ति वक्फ बोर्ड की संपत्ति घोषित हो चुकी है, उसको वापस लेने का तरीका बहुत कमजोर है. इसमे जांच की शक्ति कलेक्टर को दी गई है. लेकिन कलेक्टर किसके इशारों पर काम करते हैं, ये सभी जानते हैं. हमारी मांग है कि एक नेशनल इंक्वारी कमीशन बैठे और जितनी भी संपत्ति वक्फ बोर्ड के पास है, उसकी जांच की जाए.” उन्होंने कहा, वक्फ के रूप में दर्ज बहुत सारी फर्जी संपत्ति हैं, उसको उसके वास्तविक मालिक को मिलना चाहिए.

– भारत एक्‍सप्रेस



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