आतंकवादी संगठन 'इंडियन मुजाहिदीन' का सह-संस्थापक यासीन भटकल
Yasin Bhatkal News: आतंकवादी संगठन ‘इंडियन मुजाहिदीन’ के सह-संस्थापक यासीन भटकल ने पटियाला हाउस कोर्ट से झटका लगा है. आज कोर्ट ने एक दिन की कस्टडी पैरोल की मांग वाली उसकी याचिका को खारिज कर दिया. हालांकि कोर्ट ने यासीन भटकल को इजाजत दी है कि वह अपनी बीमार माँ से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हिंदी में बात कर सकता है.
बता दें कि यासीन भटकल ने अपनी बीमार माँ की देखभाल के लिए पैरोल की मांग की थी. यासीन भटकल की माँ का हाल ही में हार्ट सर्जरी हुई है. साल 2023 में एनआईए अदालत ने यासीन भटकल सहित 11 आरोपियों पर देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के मकसद से आतंकी वारदातों की साजिश रचने और अंजाम देने की साजिश के खिलाफ आरोप तय किया है.
आतंक की साजिश में शामिल था भटकल
कोर्ट ने कहा था कि यासीन भटकल व अन्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल जैसे पर्याप्त सबूत है. इनकी जांच से साफ होता है कि भटकल न केवल आतंकी गतिविधियों की साजिश में शामिल था, बल्कि विस्फोटक, इम्प्रोवाइज एक्सप्लोसिव डिवाइस को तैयार करने में उसकी बड़ी भूमिका थी. कोर्ट ने कहा था कि यासीन भटकल की चैट से सूरत में न्यूक्लियर बम प्लानिंग के बारे में खुलासा होता है, और ब्लास्ट से पहले वहां से मुसलमानों को हटाने की योजना भी बनाई थी.
इनके खिलाफ विभिन्न धाराओं में आरोप तय
कोर्ट ने जिन लोगों के खिलाफ आरोप तय किया है, उसमें मोहम्मद आफताब आलम, मोहम्मद दानिश अंसारी, इमरान खान, सैयद मकबूल, मोहम्मद अहमद सिद्धिबप्पा, असौदुल्लाह अख्तर, उज्जैर अहमद, हैदर अली, मोहम्मद तहसीन अख्तर, जिया उर रहमान और ओबैद उर रहमान के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम कानून और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं व धारा 1860 के तहत आरोप तय किया है.
कर्नाटक के भटकल गांव से है यासीन
उतरी कर्नाटक के भटकल गांव के रहने वाले यासीन भटकल को साल 2013 में बिहार में भारत-नेपाल की सीमा से लगे इलाके से गिरफ्तार किया गया था. भटकल को हैदराबाद के दिलखुशनगर में साल 2013 में हुए दोहरे बम विस्फोट में फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है.
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