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नवरात्रि में रोज सुबह-शाम करें माता की ये आरती, होगी दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की

Shardiya Navratri 2024 Aarti: अगर कोई भक्त दुर्गा सप्तशती का पाठ नहीं कर सकता है तो वह सुबह-शाम मां दुर्गा की विशेष आरती करके भी उनकी कृपा का पात्र बन सकता है.

Shardiya Navratri 2024 Aarti

मां दुर्गा की आरती.

Shardiya Navratri 2024 Aarti Jai Aambe Gauri: शारदीय नवरात्रि मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की उपासना का महापर्व माना गया है. हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवमी तक क्रमशः शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और मां सिद्धिदात्री की विधिवत पूजा अर्चना की जाती है. शारदीय नवरात्रि के दौरान भक्त अपने-अपने घरों में घटस्थापना करके मां दुर्गा की पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ आराधना करते हैं.

वैसे तो नवरात्रि के दौरान घर या धार्मिक स्थल पर मां दुर्गा के समक्ष दुर्गा सप्तशती का पाठ करना अत्यंत शुभ फलदायी माना गया है, लेकिन अगर कोई भक्त दुर्गा सप्तशती का पाठ नहीं कर सकता है तो वह सुबह-शाम मां दुर्गा की विशेष आरती करके भी उनकी कृपा का पात्र बन सकता है. ऐसे में आइए जानते हैं कि नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की किस आरती को करने से उनकी कृपा बरसेगी.

मां दुर्गा की आरती जय अम्बे गौरी…

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी
तुमको निशिदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिव री
ऊँ जय…
माँग सिन्दूर विराजत, टीको मृगमद को
उज्ज्वल से दोऊ नैना, चन्द्र वदन नीको
ऊँ जय…
कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजे
रक्त-पुष्प गल माला, कण्ठन पर साजे
ऊँ जय…
केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्पर धारी
सुर-नर-मुनि-जन सेवत, तिनके दुःखहारी
ऊँ जय…… कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती
कोटिक चन्द्र दिवाकर, सम राजत ज्योति
ऊँ जय…
शुम्भ निशुम्भ विदारे, महिषासुर घाती
धूम्र विलोचन नैना, निशिदिन मदमाती
ॐ जय…
चण्ड मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे
मधु कैटभ दोऊ मारे, सुर भय हीन करे
ऊँ जय…
ब्रह्माणी रुद्राणी, तुम कमला रानी
आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी
ऊँ जय…
चौंसठ योगिनी गावत, नृत्य करत भैंरूँ
बाजत ताल मृदंगा, अरु बाजत डमरू
ऊँ जय…
तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता
भक्तन की दुःखहर्त्ता, सुख सम्पत्ति करता
ऊँ जय…
भुजा चार अति शोभित, वर मुद्राधारी
मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी
ऊँ जय…
कंचन थाल विराजत, अगर कपुर बाती
श्री मालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति
ऊँ जय…
श्री अम्बे जी की आरती जो कोई नर गावे
कहत शिवानंद स्वामी, सुख सम्पति पावे
ऊँ जय…

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