नवंबर में बिजनेस एक्टिविटी में उछाल.
नवंबर में भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी देखने को मिली है. खासकर व्यापारिक गतिविधियों में एक मजबूत सुधार देखा गया. तीन महीने के उच्चतम स्तर तक व्यापार गतिविधियां पहुंची, जिसके पीछे प्रमुख कारण सर्विस सेक्टर और रोजगार सृजन में वृद्धि रही. हालांकि, महंगाई और कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि अभी भी चिंता का कारण बनी हुई है.
व्यापार गतिविधियों में महत्वपूर्ण सुधार
एचएसबीसी और एसएंडपी ग्लोबल की ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक, नवंबर में भारतीय व्यापार गतिविधियों में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है, जो देश की आर्थिक स्थिरता और बढ़ती मांग को दर्शाता है. फ्लैश इंडिया कंपोजिट परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) अक्टूबर में 59.1 से बढ़कर नवंबर में 59.5 तक पहुंच गया, जो व्यापार गतिविधियों में विस्तार की पुष्टि करता है. यह लगातार तीसरा महीना है जब पीएमआई 50 से ऊपर रहा है, जो सकारात्मक संकेत है.
सर्विस सेक्टर में सबसे ज्यादा उछाल
सर्विस सेक्टर में सबसे अधिक वृद्धि देखी गई, जहां पीएमआई 58.5 से बढ़कर 59.2 तक पहुंच गया, जो अगस्त के बाद का सर्वोच्च स्तर है. इसके साथ ही, रोजगार सृजन में भी ऐतिहासिक वृद्धि हुई है, जो दिसंबर 2005 के बाद से सबसे तेज़ रही. यह वृद्धि भारतीय उपभोक्ताओं की खर्च क्षमता को दर्शाती है और आर्थिक स्थिरता का भी संकेत देती है.
मामूली गिरावट दर्ज की गई
हालांकि, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में मामूली गिरावट आई, जहां पीएमआई 57.5 से घटकर 57.3 हो गया, लेकिन फिर भी यह क्षेत्र मजबूत विकास दिखा रहा है. मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र की बढ़ती मांग घरेलू और निर्यात दोनों बाजारों में सकारात्मक योगदान दे रही है.
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आरबीआई के नवंबर बुलेटिन के अनुसार, भारत का निर्यात आउटलुक सकारात्मक दिख रहा है. मुख्य मैन्युफैक्चरिंग उत्पादों की वैश्विक मांग में बढ़ोतरी से भारत को इसका लाभ मिल रहा है, जो निर्यात आधारित उद्योगों और रोजगार के नए अवसरों को उत्पन्न कर सकता है.
-भारत एक्सप्रेस
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