Bharat Express

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोनम वांगचुक के अनशन की अनुमति याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग ठुकराई

दिल्ली पुलिस का कहना था कि क्षेत्र में भारतीय न्याय संहिता 168 लागू था और इस वजह से एक साथ पांच से अधिक लोग ग्रुप नहीं बना सकते हैं.

Sonam Wangchuk

लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली पहुचे लद्दाखी जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक और उनके साथ आये लोगों को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में एक बार फिर याचिका दायर की गई है. जिसपर कोर्ट 9 अक्टूबर को सुनवाई करेगा. हालांकि याचिकाकर्ता द्वारा आज ही सुनवाई मांग की गई, जिसे कोर्ट ने ठुकरा दिया. याचिका में सोनम वांगचुक और अन्य को जंतर मंतर पर शांतिपूर्ण तरीके से अनशन करने की अनुमति देने की मांग की गई है.

दिल्ली पुलिस ने अनशन की अनुमति देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि अनशन के लिए जो अर्जी दी गई थी उसमें कुछ दिक्कते हैं. जैसे कि प्रदर्शन शुरू करने और समाप्त करने के बारे में नही बताया गया है. हालांकि वांगचुक ने लद्दाख भवन में ही अनशन शुरू कर दिया है. वांगचुक ने केंद्र सरकार द्वारा दिए गए आश्वासन के अनुसार मिलने के लिए कोई तारीख नहीं देने का आरोप लगाया है. वांगचुक ने कहा कि हम एक ऐसी जगह की तलाश कर रहे थे, जहां हम अपनी शांतिपूर्ण भूख हड़ताल कर सके, लेकिन हमें वह जगह नहीं दी गई. इसलिए हमारे पास लद्दाख भवन से भूख हड़ताल करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था.

वांगचुक ने कहा कि वो किसी से समर्थन नही मांग रहे है. वो उन लोगों का स्वागत करते हैं जो समझते है कि भारत में क्या हो रहा है, लद्दाख के साथ क्या हो रहा है और हमारे अधिकार क्या है. सोनम वांगचुक अपनी 700 किलोमीटर की पदयात्रा करते हुए पिछले सोमवार को रात को ही दिल्ली पहुचे थे. वांगचुक के साथ आए करीब 120 लोगों को भी पुलिस ने डिटेन किया था. सोनम वांगचुक जैसे ही दिल्ली में दाखिल हो रहे थे, वैसे ही पुलिस ने रोक दिया था.

ये भी पढ़ें- वैष्णो देवी सीट से बीजेपी को मिली जीत, बलदेव राज शर्मा ने निर्दलीय उम्मीदवार को 2381 वोटों से हराया

दिल्ली पुलिस का कहना था कि क्षेत्र में भारतीय न्याय संहिता 168 लागू था और इस वजह से एक साथ पांच से अधिक लोग ग्रुप नहीं बना सकते हैं. इसी वजह से उन्हें हिरासत में लिया गया था. दिल्ली में राजघाट पर महात्मा गांधी की समाधि पर प्रदर्शन के लिए आ रहे थे. दिल्ली पुलिस ने 6 दिनों के लिए भारतीय न्याय संहिता की धारा 163 लागू किया था. हालांकि दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को जानकारी दी थी कि दिल्ली में लगा निषेधाज्ञा वापस ले लिया गया है, जिसके बाद कोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया था.

-भारत एक्सप्रेस

Also Read