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Bangladesh अंतरिम सरकार का बड़ा फैसला, शेख मुजीबुर्रहमान से जुड़े सभी राष्ट्रीय दिवसों को किया रद्द

मोहम्मद यूनुस की सरकार ने 15 अगस्त की छुट्टी को खत्म करने का फैसला किया है. साथ ही बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम से जुड़े 7 मार्च और 15 अगस्त के समारोह समेत 8 राष्ट्रीय दिवसों को वहां की सरकार रद्द कर दी है.

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राष्ट्रपति मुजीब उर-रहमान बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम के हीरो थे, जिन्होंने 1971 में पाकिस्तान से बांग्लादेश की स्वतंत्रता के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व किया था, लेकिन मोहम्मद यूनुस की सरकार ने 15 अगस्त की छुट्टी को खत्म करने का फैसला किया है. आपको बताते चलें कि 15 अगस्त वो दिन है जिस दिन देश के संस्थापक और शेख हसीना के पिता बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की ढाका में परिवार के साथ हत्या कर दी गई थी.

इसी कड़ी में शेख मुजीबुर रहमान के नेतृत्व में देश के मुक्ति संग्राम से जुड़े 7 मार्च और 15 अगस्त के समारोह समेत 8 राष्ट्रीय दिवसों को रद्द करने फैसला किया है. इस फैसले के खिलाफ बांग्लादेश में ही आवाज उठनी शुरु हो गई है. आवामी लीग ने अपने फेसबुक पेज से सरकार के फैसलों पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि…

Reset का बटन दबाकर ये सरकार बांग्लादेश के जन्म के इतिहास से जुड़ी सभी चीजें हटा देना चाहती है. आगे आवामी लीग ने बांग्लादेश में हो रही अराजकता के खिलाफ भी आवाज उठाई है. उन्होने लिखा है कि

  • यूनुस और आसिफ नजरुल के उद्देश्य क्या हैं?
  • 6 हजार हथियार और लाखों की लूट…
  • सत्ता में बैठे युनुस सरकार और उसकी कौंसिल ने चुपचाप जेल का दरवाजा खोल दिया। सैकड़ों कैदी फरार हो गए.
  • देश के शीर्ष आतंकवादियों की जेल से जल्दी जमानत

पहचान को खत्म करने की कोशिश

देश के बड़े नेता की हत्या के दिन को याद करने के लिए अभी तक बांग्लादेश में अवकाश होता था. अब यहां सत्ता परिवर्तन के बाद देश के प्रमुख नेता की पहचान को खत्म करने की कोशिश के रुप में इस निर्णय को देखा जा रहा है. शेख हसीना के इस्तीफे के बाद से बांग्लादेश में शेख मुजीब के  पहचान को मिटाने की कोशिश लगातार हो रही है. जैसे संग्रहालय में तोड़फोड़ के जरिए उनसे जुड़ी सभी चीजों को नष्ट कर दिया गया था. मामला सिर्फ यहीं नहीं थमा आगे ढाका में स्थित शेख मुजीब की मुर्ति पर उपद्रवियों ने हथौड़ा चला कर तोड़ दिया था.

बांग्लादेश के 9 राष्ट्रीय दिवस, जिन्हें अंतरिम सरकार ने किया रद्द

7 मार्च को बंगबंधु के ऐतिहासिक भाषण की याद में नेशनल डे मनाया जाता है, जो कि अब रद्द हो चुका है.
17 मार्च को बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान का जन्मदिन राष्ट्रीय दिवस के तौर पर मनाया जाता रहा है, लेकिन उसे भी अब रद्द करने का फैसला किया गया है.
17 मार्च को ही अब बांग्लादेश में नेशनल चिल्ड्रेन्स डे मनाने की आजादी नहीं होगी.
5 अगस्त को अब बांग्लादेश में कोई भी शेख हसीना के भाई शेख कमल का जन्मदिन नहीं मना पाएगा.
8 अगस्त को बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना की मां बेगम फाजिलतुन्नेसा का जन्मदिन भी नेशनल डे की लिस्ट से हटा दिया गया है.
18 अक्टूबर को शेख हसीना के छोटे भाई शेख रसेल का जन्मदिन अब कोई नहीं मना पाएगा.
15 अगस्त को बांग्लादेश का राष्ट्रीय शोक दिवस भी रद्द कर दिया गया है.
4 नवंबर को मनाया जाने वाला बांग्लादेश का राष्ट्रीय संविधान दिवस भी नेशनल डे की लिस्ट से हटा दिया गया है.
12 दिसंबर को डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को बढ़ावा दिए जाने के लिए मनाया जाने वाला स्मार्ट बांग्लादेश डे भी रद्द कर दिया गया है.

देश के भीतर की बदल दी गई पूरी मशीनरी

बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद बनी अंतरिम सरकार ने एक महीने के भीतर देश की पूरी मशीनरी को बदल दिया गया था. इस बीच मोहम्मद युनूस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के कट्टरपंथी समर्थक जमात-ए-इस्लाम पार्टी ने भारतीय कवि रवींद्रनाथ टेगोर के लिखे बांग्लादेश के राष्ट्रगान ‘अमार सोनार बांग्ला’ को बदलने की भी आवाज उठ गई थी.

-भारत एक्सप्रेस

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