शिवसेना (UBT) के मुख्य प्रवक्ता संजय राउत ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उनकी मुलाकात की खबरों को सोमवार को पूरी तरह खारिज कर दिया. महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सहयोगियों के साथ सीट बंटवारे की बातचीत के बीच मीडियाकर्मियों से संक्षिप्त बातचीत में राउत ने सत्तारूढ़ शिवसेना नेता की इस भविष्यवाणी को भी खारिज कर दिया कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) भाजपा-एनडीए के साथ वापस आ जाएगी.
राउत ने कुख्यात इजरायली स्पाइवेयर विवाद का हवाला देते हुए कहा, “यह सिर्फ सत्तारूढ़ पक्ष के मीडिया तंत्र द्वारा फैलाई जा रही अफवाहें हैं. हम जानते हैं कि यह कौन कर रहा है और क्यों… हमारे पास अपना छोटा सा ‘पेगागस’ सेटअप भी है जो हमें सूचित करता रहता है.”
राज्य की बागडोर एक ‘गद्दार’ के हाथ
उन्होंने स्पष्ट किया कि एसएस-यूबीटी पिछले कुछ वर्षों से महाराष्ट्र के गौरव की रक्षा के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है, “लेकिन भाजपा के साथ जाने के लिए नहीं, जिसने बालासाहेब ठाकरे द्वारा स्थापित (अविभाजित) शिवसेना को तोड़ दिया, उसका नाम और चुनाव चिन्ह चुरा लिया और जून 2022 में राज्य की बागडोर एक “गद्दार” (सीएम एकनाथ शिंदे) को सौंप दी”.
उन्होंने दोहराया कि भाजपा या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या शाह का समर्थन करने का सवाल “बीजापुर आदिलशाही वंश के जनरल” अफजल खान से हाथ मिलाने के समान होगा. शिवसेना (यूबीटी) नेता की तीखी टिप्पणी कांग्रेस के साथ सीट बंटवारे के मुद्दे पर चल रही तीखी नोकझोंक की पृष्ठभूमि में आई है, जिसने मतदान के दिन से महज तीन सप्ताह पहले एमवीए के भाग्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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