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केजरीवाल के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की मांग, सुप्रीम कोर्ट की शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप

सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को जमानत देते हुए कहा था कि वे जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद आबकारी नीति से जुड़े सीबीआई के केस को लेकर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे, क्योंकि यह मामला विशेष अदालत में लंबित है.

Arvind Kejriwal

आप संयोजक अरविंद केजरीवाल.

सुप्रीम कोर्ट की ओर से डाले गए जमानत की शर्ते का उल्लंघन का आरोप लगाते हुए एक पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू करने के लिए एक वकील ने सालिसिटर जनरल तुषार मेहता से अनुमति मांगी है. वकील रविंद्र कुमार गुप्ता ने इसको लेकर एसजी के समक्ष आवेदन किया है. वकील गुप्ता की ओर से नीति न्याय लीगल फर्म के वकील गगन गांधी ने एसजी को आवेदन किया है. उन्होंने अपने आवेदन में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को जमानत देते हुए कहा था कि वे जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद आबकारी नीति से जुड़े सीबीआई के केस को लेकर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे, क्योंकि यह मामला विशेष अदालत में लंबित है.

वकील ने कहा कि इस तरह की शर्ते के बाजवूद केजरीवाल ने जेल से बाहर आकर 16 अक्टूबर को सोशल मीडिया पर एक पत्र पोस्ट किया जिसमें उन्होंने अपनी गिरफ्तारी पर सवाल खड़े किए हैं. पत्र में कहा गया है कि उन्हें इसलिए गिरफ्तार किया गया क्योंकि उन्होंने जो जनता के लिए काम किया, उस तरह का काम केंद्र के साथ-साथ 22 राज्यों में अपनी सरकार बनाने वालों ने अभी तक नहीं किया. वे उनके काम व दी जा रही सुविधाओं को रोकना चाहते हैं. इसलिए उन लोगों ने एलजी के माध्यम से मेरी सरकार की ओर से की जा रही कई सारी कामों को रोकने की कोशिश की. क्योंकि वे लोग जानते हैं कि इससे पूरे देश में हमारी पार्टी की सरकार बन जाएगी. अब जेल से बाहर आने के बाद हमने धराधर सारी कामें फिर से शुरू करवा दिया है और टूटी सड़कों की मरम्मत करवाना शुरू कर दिया है.

वकील गांधी ने एसजी से कहा कि इस तरह से आबकारी नीति मामले में गिरफ्तारी को लेकर सवाल खड़े कर केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से लगाए गए शतरे का उल्लंघन किया है. उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की अनुमति दिया जाए.

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-भारत एक्सप्रेस



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