कार्यक्रम में वीडियो संदेश देते पीएम मोदी (फोटो-@bjp4india)
Water vision 2047: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर देश में पहली बार जल-संरक्षण पर राज्यों के मंत्रियों का प्रथम अखिल भारतीय वार्षिक सम्मेलन कुशाभाऊ ठाकरे इन्टरनेशनल कन्वेशन सेंटर भोपाल में आरंभ हुआ. पीएम मोदी के वर्चुअली दिए गए वीडियो संदेश से कार्यक्रम प्रारंभ हुआ. कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने अपने विचार रखे. केन्द्रीय जलशक्ति और खाद्य प्रसंकरण उद्योग राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल उपस्थित थे.
सभी राज्य एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के जल संसाधन, लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी और सिंचाई मंत्री तथा संबंधित विभागों के अधिकारी वाटर विजन@2047 (Water vision 2047) में सम्मिलित हुए. छह जनवरी तक चलने वाले इस दो दिवसीय सम्मेलन में जल समस्याओं के समाधान का रोडमैप तैयार किया जाएगा. सीएम शिवराज चौहान ने कार्यक्रम स्थल पर प्रदर्शिनी का शुभारंभ भी किया.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने वीडियो संदेश में कहा है कि हमारी संवैधानिक व्यवस्था में पानी का विषय राज्यों के नियंत्रण में आता है. जल-संरक्षण के लिए देश को समन्वित प्रयास की आवश्यकता है. जल को सहयोग और समन्वय का विषय बनाना प्रत्येक राज्य की जिम्मेदारी है. जल प्रबंधन में सरकार के प्रयासों के साथ जन-भागीदारी बढ़ाने के लिए सार्वजनिक पहल और सामाजिक संगठनों को जोड़ना आवश्यक है.
उन्होंने कहा कि जन-भागीदारी का लाभ यह होता है कि जनता को भी उस कार्य की गंभीरता और उसमें लगाए गए संसाधनों की जानकारी मिलती है. जनता उस गतिविधि के प्रति सेंस ऑफ ओनरशिप का अनुभव भी करती है. स्वच्छ भारत अभियान इसका श्रेष्ठ उदाहरण है.
पीएम मोदी ने कहा कि देश हर जिले में 75 अमृत सरोवर बना रहा है, जिसमें अब तक 25 हजार अमृत सरोवर बन चुके हैं. उन्होंने समस्याओं की पहचान करने और समाधान खोजने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग और स्टार्टअप को इनसे जोड़ने की आवश्यकता बताई. जल जीवन मिशन की सफलता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने प्रस्ताव दिया कि ग्राम पंचायतें जल जीवन मिशन का नेतृत्व करें.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि फसल विविधीकरण और प्राकृतिक खेती, जल-संरक्षण पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं. देश में ड्रॉप-मोर क्रॉप अभियान को प्रोत्साहित करना आवश्यक है. उन्होंने अटल भू-जल संरक्षण योजना में भू-जल पुर्नभरण के लिए माइक्रो स्तर पर गतिविधियां संचालित करने की आवश्यकता भी बतायी.
My remarks at All-India Water Conference on the theme 'Water Vision @ 2047.' https://t.co/HIV0t1dbgA
— Narendra Modi (@narendramodi) January 5, 2023
पीएम मोदी ने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारी कोई भी नदी या जल संरचना बाहरी कारकों से प्रदूषित न हो. इसके लिए वाटर मेनेजमेंट तथा सीवेज ट्रीटमेंट के क्षेत्र में संवेदनशीलता और सक्रियता से काम करने की आवश्यकता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाटर ट्रीटमेंट और वाटर री-साइकिलिंग की आवश्यकता पर भी बल दिया. पीएम मोदी ने कहा कि नमामि गंगे मिशन के आधार पर अन्य राज्य भी नदियों के संरक्षण के लिए अभियान आरंभ कर सकते हैं.
मुख्यमंत्री शिवराज चौहान, केन्द्रीय मंत्री शेखावत और केन्द्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में जल-संरक्षण और संचय के प्रतीक स्वरूप छोटे घड़ों से एक बड़े घड़े में जल अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. कार्यक्रम में नेशनल फ्रेम वर्क ऑन रियूज ऑफ ट्रीटे़ड वेस्ट वॉटर, नेशनल फ्रेम वर्क फॉर सेडीमेनटेशन मेनेजमेंट और जल इतिहास सब पोर्टल की ई-लॉचिंग की गई. साथ ही जल शक्ति अभियान कैच द रेन विषय पर लघु फिल्म का प्रदर्शन भी हुआ.
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विजन वाटर @2047 (Water vision 2047) जैसे महत्वपूर्ण विषय पर विचार-विमर्श के लिए भोपाल का चयन करने पर केंद्र शासन का आभार मानते हुए कहा कि भोपाल, जल-प्रबंधन का ऐतिहासिक रूप से अनूठा उदाहरण रहा है. राजा भोज द्वारा 10वीं शताब्दी में बनाई गई बड़ी झील आज भी भोपाल की एक तिहाई जनता को पेयजल की आपूर्ति कर रही है.
प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में 2 हजार जल संरचनाएं विद्यमान हैं. यह हम सब का सौभाग्य है कि प्रधानमंत्री मोदी का नेतृत्व हमें प्राप्त हुआ और जल-संरक्षण एवं प्रबंधन के लिए भी हमें उनका मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है.
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में जल-संरक्षण और उसके मितव्ययी उपयोग के लिए संवेदनशीलता के साथ गतिविधियां संचालित की जा रही हैं. प्रदेश में साल 2003-04 तक सिंचाई क्षमता 7 लाख 50 हजार हेक्टेयर थी जो अब बढ़ कर 43 लाख हेक्टेयर हो गई है. हमारा लक्ष्य 65 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता का है. जल के मितव्ययी उपयोग के लिए पाइप लाइन और स्प्रिंकलर सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है.
'वॉटर विजन @ 2047' भोपाल में हो रहा है, यह शहर जल प्रबंधन का उत्तम उदाहरण है। पीएम श्री @narendramodi जी ने अपने संदेश में जो विजन हमें दिया उसके आधार पर बेहतर जलनीति बनाएंगे।
प्रथम अखिल भारतीय राज्य मंत्रियों का सम्मेलन 'वॉटर विजन @ 2047' में सहभागिता की।https://t.co/coA6OcJ2Xg https://t.co/vwXfgjNXLc pic.twitter.com/yWrMyspCPD— Shivraj Singh Chouhan (मोदी का परिवार ) (@ChouhanShivraj) January 5, 2023
उन्होंने कहा कि प्रदेश में साल 2007 में जलाभिषेक अभियान आरंभ किया गया. जल प्रबंधन में जन-भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए सभी जिलों में जल संसद, जल सम्मेलन और गांव में जल यात्राएं हुई. जलाभिषेक अभियान में बोरी बंधान, चेक डैम, स्टॉप डैम का निर्माण बड़ी संख्या में हुआ. प्रदेश में नदी पुनर्जीवन के कार्य को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है. नर्मदा सेवा यात्रा में नदी के दोनों ओर वृक्षारोपण को अभियान के रूप में लिया गया.
सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि प्रदेश में जल-जीवन मिशन में 50 हजार करोड़ रूपए के कार्य चल रहे हैं, इससे 46% घरों को नल से जल उपलब्ध कराना संभव होगा. सभी पहलुओं को सम्मिलित करते हुए प्रदेश में अगले एक-दो माह में जल नीति लाई जाएगी.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बलराम ताल योजना में खेत में तालाब बनाने को प्रोत्साहित किया गया. साथ ही स्टॉप डैम निर्माण से प्रदेश के कई क्षेत्रों में कुओं को रिचार्ज करने में मदद मिली है. प्रदेश में कम पानी में होने वाली फसलें लेने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. सीएम शिवराज चौहान ने वाटर विजन@2047 में आए केंद्र शासन तथा विभिन्न राज्यों के मंत्री गण को बताया कि प्रदेश में वृक्षारोपण, उर्जा-साक्षरता, पानी बचाने, स्वच्छता और महिला सशक्तिकरण के लिए विशेष अभियान संचालित किए जा रहे हैं.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पेड़ और पानी का चोली दामन का साथ है. मैंने स्वयं प्रतिदिन पौधे लगाने का संकल्प लिया है. इस संकल्प के अनुसार मैं प्रतिदिन तीन पौधे लगाता हूं. सीएम ने वाटर विजन@2047 में आए सभी प्रतिभागियों को 6 जनवरी को पौध-रोपण के लिए आमंत्रित किया. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह पौध-रोपण पूरे देश को जल-संरक्षण का संदेश देगा और वाटर विजन@2047 की स्मृतियों को अक्षुण्ण रखेगा.
1st All India State Ministers' Conference on Water Vision @ 2047 #Bhopal @nwmgoi @MoJSDoWRRDGR https://t.co/AK5jiavggv
— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) January 5, 2023
केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने भोपाल में वाटर विजन@2047 के आयोजन की सहमति देने और सहयोग उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज चौहान का आभार माना. मंत्री शेखावत ने कहा कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थ-व्यवस्था है. हमारा देश विकसित देश बनने की ओर अग्रसर है. तेजी से बढ़ते शहरीकरण और प्रदूषण की चुनौती को देखते हुए माइक्रो स्तर पर समग्र जल-प्रबंधन के लिए कार्य योजनाएं बनाना आवश्यक है. देश में जल की भण्डारण क्षमता को बढ़ाना आवश्यक है. यह छोटी संरचनाओं के निर्माण को प्रोत्साहित करने और भू-गर्भीय जल-संरक्षण से संभव होगा.
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दो दिवसीय आयोजन में पांच विषयों–जल की कमी- जल की अधिकता और पहाड़ी इलाकों में जल-संरक्षण, पानी का दोबारा इस्तेमाल, जल सुशासन, जलवायु परिवर्तन की चुनौती का सामना करने में सक्षम जल अधो-संरचना और जल गुणवत्ता पर सत्र होंगे.
-भारत एक्सप्रेस
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