देवउठनी एकादशी 2024.
Dev Uthani Ekadashi 2024 Upay For marriage: देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु चार महीने की योगनिद्रा के बाद जागेंगे. इसके बाद सभी प्रकार के शुभ और मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे. सनातन धर्म में देवउठनी एकादशी को देव प्रबोधिनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. कार्तिक शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए सबसे शुभ दिन माना जाता है.
कहते हैं कि इस दिन विधि-विधान से श्रीहरि की पूजा करने पर बड़े-बड़े पाप कर्म भी क्षण मात्र में नष्ट हो जाते हैं. देवउठनी एकादशी का दिन मांगलिक कार्यों में सफलता पाने के लिए भी शभ माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन कुछ उपाय करने से शादी-विवाह में आ रही अड़चनें दूर हो जाती हैं. आइए जानते हैं कि देवउठनी एकादशी के दिन किन उपायों को करने से शीघ्र विवाह का योग बनता है.
शीघ्र विवाह के उपाय देवउठनी एकादशी पर करें ये उपाय
देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी विवाह करना शुभ माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन ऐसा करने से शादी में आ रही अड़चनें दूर हो जाता हैं. परिणामस्वरूप शीघ्र विवाह का योग बनता है.
देव प्रबोधिनी एकादशी के दिन तुलसी माता का विशेष श्रृंगार करना चाहिए. इस दिन तुलसी माला को श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करना शुभ माना जाता है.
देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी में गन्ने के रस में कच्चा दूध मिलाकर चढ़ाना चाहिए. ऐसा करने से मांगलिक कार्यों में आ रही तमाम प्रकार की बाधाएं दूर हो जाती हैं.
देवउत्थान एकादशी के दिन तुलसी के नीचे कम के कम पांच दीपक जलाना चाहिए. दीपक में घी का प्रयोग करना चाहिए.
तुलसी विवाह के दिन पीतल के कलश में जल भरकर घर के प्रवेश द्वार पर रखना चाहिए. कहा जाता है कि ऐसा करने से घर में धन-धान्य की कमी नहीं होती है.
तुलसी विवाह के दिन ‘तुलसी नामाष्टक’ का पाठ करने से शीघ्र विवाह की कामना पूरी होती है. साथ ही साथ रिश्तों में मधुरता आती है.
तुलसी विवाह 2024 कब है
पंचांग के अनुसार, इस साल तुलसी विवाह 13 नवंबर को होगा. द्वादशी तिथि का आरंभ 12 नवंबर को शाम 4 बजकर 04 मिनट पर होगा. जबकि, इस तिथि की समाप्ति 13 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 1 मिनट पर होगी.