मलयालम अभिनेता सिद्दीकी
यौन उत्पीड़न मामले में आरोपो का सामना कर रहे मलयालम अभिनेता सिद्दीकी को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत को कोर्ट ने बरकरार रखा है. सिद्दीकी की गिरफ्तारी पर लगी रोक को सुप्रीम कोर्ट ने अगले हफ्ते तक के लिए बढ़ा दिया है. मामले की सुनवाई के दौरान सिद्दीकी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि सिद्दीकी एक अभिनेता हैं, वे 2016 का लैपटॉप मांगते रहते है. अगर कुछ है तो शिकायतकर्ता अपना फोन क्यों नहीं देते? वे मेरा फोन और आधार भी चाहते है.
सिद्दीकी जांच में सहयोग नहीं कर रहे
वही केरल पुलिस की ओर से पेश वकील रंजीत कुमार ने कहा कि सिद्दीकी सहयोग नहीं कर रहे है. उनका कहना है कि सामग्री मांगने की कोई प्रासंगिकता नही है. पिछली सुनवाई में केरला पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल कर सिद्दीकी की ओर से दाखिल अग्रिम जमानत याचिका का विरोध किया था.
अगली सुनवाई एक हफ्ते बाद
जस्टिस बेला त्रिवेदी और जस्टिस एससी शर्मा की पीठ 1 हफ्ते बाद मामले में अगली सुनवाई करेगी. केरल हाई कोर्ट ने सिद्दीकी की ओर से दायर अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया था, जिसके बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए सिद्दीकीने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
आरोप झूठे और निराधार: सिद्दीकी
सिद्दीकी ने अपनी अग्रिम जमानत याचिका में दावा किया है कि अभिनेत्री ने उनके खिलाफ निराधार और झूठे दावे किए हैं कि उन्होंने 2016 से लगातार पांच वर्ष एक थियेटर में उसका (अभिनेत्री का) यौन उत्पीड़न किया और मौखिक यौन प्रस्ताव दिए. सिद्दीकी ने अपनी याचिका में यह भी कहा है कि अब वह उसी वर्ष एक अलग स्थान पर बलात्कार जैसे अधिक गंभीर अपराध का पूरी तरह से विरोधाभासी आरोप लगा रही है.
हेमा समिति की रिपोर्ट के बाद लगे आरोप
अभिनेत्री ने जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. इस साल अगस्त में एक अभिनेत्री द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर सिद्दीकी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. अभिनेत्री ने अभिनेता सिद्दीकी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 376 ( बलात्कार) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत आरोप लगाए गए हैं. सिद्दीकी ने महिला अभिनेता द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों के बाद एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट के महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया था.
ये भी पढ़ें- Shahrukh Khan को जान से मारने की धमकी देने वाला आरोपी रायपुर से गिरफ्तार, कोर्ट में होगी पेशी
विशेष जांच दल का गठन
न्यायमूर्ति के हेमा समिति की रिपोर्ट में खुलासे के बाद कई फिल्म निर्देशकों और अभिनेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. केरल सरकार ने 2017 में एक अभिनेत्री पर हमला मामले में जांच समिति का गठन किया था. हेमा समिति की रिपोर्ट में मलयालम सिनेमा उद्योग में महिलाओं के उत्पीड़न और शोषण के मामलों का खुलासा किया गया है. कई अभिनेताओं और निदेशकों के खिलाफ यौन उत्पीड़न और शोषण के आरोप सामने आने के बाद राज्य सरकार ने 25 अगस्त को इन मामलों की जांच के लिए सात सदस्यीय विशेष जांच दल के गठन की घोषणा की थी.
-भारत एक्सप्रेस