महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के काफिले को रोकने और उन्हें “गद्दार” कहने वाले एक व्यक्ति का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिससे विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक हलकों में इस घटना की चर्चा गर्म हो गई है. घटना मुंबई के साकीनाका इलाके का है, जहां संतोष काटके नामक युवक ने शिंदे के काफिले के सामने काले झंडे लहराए और उन्हें “गद्दार” कहते हुए रुकने पर मजबूर कर दिया.
इस घटना के बाद शिंदे को अपने काफिले से बाहर आना पड़ा. यह घटना कांग्रेस उम्मीदवार और पूर्व मंत्री नसीम खान के कार्यालय के बाहर हुई, जो वीडियो में कैद हो गई.
शिंदे को देखकर फूटा गुस्सा
शिंदे ने घटनास्थल पर पहुंचकर पार्टी कार्यकर्ताओं से इस व्यवहार के बारे में सवाल किए. पुलिस ने काटके को हिरासत में लिया और बाद में थोड़ी देर बाद छोड़ दिया. इस घटना के बाद मंगलवार को काटके और उनके पिता ने मातोश्री में शिवसेना (UBT) में शामिल होकर उद्धव ठाकरे से मुलाकात की. संतोष काटके ने संवाददाताओं से कहा कि शिंदे को देखकर उनका गुस्सा फूट पड़ा, जिससे यह प्रतिक्रिया हुई.
शिवसेना ने मनाया था गद्दार दिवस
पिछले साल जून में, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने शिंदे और अन्य शिवसेना विधायकों द्वारा किए गए विद्रोह की वर्षगांठ पर “गद्दार दिवस” मनाया था. जून 2022 में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में हुए इस विद्रोह ने तत्कालीन उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार को गिरा दिया, जिसमें शिवसेना, एनसीपी, और कांग्रेस शामिल थे.
इस साल मई में, शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने शिंदे और उनके बेटे श्रीकांत शिंदे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि “गद्दार” का दाग उनसे कभी नहीं हटेगा. चतुर्वेदी ने शिवसेना में हुए विभाजन का जिक्र करते हुए कहा था कि यह कलंक उनके परिवार को भी प्रभावित करेगा, जैसा कि फिल्म “दीवार” के एक संवाद में बताया गया था.
–भारत एक्सप्रेस