पाकिस्तान में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर- (फोटो- ANI)
Air Pollution in Pakistan: लाहौर, जो कभी अपनी हरियाली और सुंदरता के लिए पहचाना जाता था, अब दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है. जहरीली धुंध के कारण लोगों की सांसें घुट रही हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, करीब 15,000 लोग सांस की तकलीफ, अस्थमा और अन्य श्वास संबंधी समस्याओं से पीड़ित होकर अस्पतालों में भर्ती हो चुके हैं. इसका मुख्य कारण वाहन उत्सर्जन, निर्माण स्थलों से उड़ती धूल और औद्योगिक प्रदूषण है.
लाहौर और उसके आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) बहुत ही खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. 10 नवंबर को यह 1,900 के पार था, जबकि 12 नवंबर को 604 पर मापा गया, जो अभी भी स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है.
WHO ने जताई चिंता
नासा (NASA) के मॉडरेट रेजोल्यूशन इमेजिंग स्पेक्ट्रो-रेडियोमीटर (MODIS) ने उत्तरी पाकिस्तान में धुंध की मोटी परत की तस्वीर जारी की है. नासा MODIS के अनुसार, नवंबर की शुरुआत में ही आसमान में धुंध छाने लगी थी. इसकी वजह से हवा की गुणवत्ता में भारी गिरावट आई है. इसके चलते स्कूल बंद हो गए हैं और हजारों लोग अस्पतालों में भर्ती हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, वायु प्रदूषण से स्ट्रोक, दिल की बीमारी, फेफड़ों का कैंसर और अन्य श्वसन संबंधी बीमारियां हो सकती हैं. बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह विशेष रूप से खतरनाक साबित होता है.
अस्पतालों में मरीजों की बढती संख्या
पाकिस्तान के एआरवाई (ARY) न्यूज के अनुसार लाहौर के अस्पताल सांस की समस्याओं से जूझ रहे मरीजों से भरे हुए हैं. सरकारी अस्पतालों में सूखी खांसी, निमोनिया और छाती में संक्रमण के मामले बढ़ गए हैं. मेयो अस्पताल में 4,000 से अधिक, जिन्ना अस्पताल में 3,500, गंगाराम अस्पताल में 3,000 और चिल्ड्रन अस्पताल में 2,000 से ज्यादा मरीज भर्ती हो चुके हैं. चिकित्सा विशेषज्ञ अशरफ जिया ने बताया कि धुंध के चलते बच्चों और अस्थमा व हार्ट के मरीजों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए.
प्रदूषण से निपटने के उपाय
इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए पाकिस्तान के पंजाब परिवहन विभाग ने नए दिशानिर्देश जारी किए हैं. जहरीली धुंध के कारण प्रदेश के अधिकतर इलाकों में यह कदम उठाया गया है. रिपोर्ट के अनुसार, धुआं छोड़ने वाले हल्के परिवहन वाहनों (LTV) पर पहली बार दो हजार रुपये और दूसरी बार से चार हजार रुपये का जुर्माना लगेगा. इसके अलावा, तीन महीने के लिए शादियों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसके साथ ही, मुल्तान, फैसलाबाद और गुजरांवाला सहित पांच डिवीजनों में स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं.
सरकार ने सभी लोगों के लिए फेस मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है, लेकिन इसे अधिकतर लोग नजरअंदाज कर रहे हैं. इसके साथ ही, प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार आर्टिफिसियल वर्षा (Artificial Rainfall) कराने के उपायों पर भी विचार कर रही है.
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-भारत एक्सप्रेस