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Gomti Book Festival 2024: गोमती पुस्तक महोत्सव ने पाठकों, लेखकों, साहित्यकारों कलाकारों विचारकों को लुभाया

गोमती पुस्तक महोत्सव के लेखक मंच पर आयोजित ‘ट्रुथ ऑफ टेल: जर्नलिज्म, स्टोरीटेलिंज एंड द फाइन लाइन बिटवीन रियलिटी एंड फिक्शन’ सत्र में वरिष्ठ पत्रकार और लेखक अनिल महेश्वरी ने अपनी पत्रकारिता की यात्रा और उसके अनुभव पर आधारित अपनी किताब के बारे में बताया.

Gomti Book Fair 2024

Gomti Book Festival 2024: देश भर के अनेक प्रसिद्ध लेखक, साहित्यकार, कलाकार, विचारक और आमजन परिवार के साथ गोमती पुस्तक महोत्सव में पुस्तकों को खरीदते दिखे, जिसमें पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रख्यात लेखक डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’, प्रख्यात लोकगायिका मालिनी अवस्थी और कई अधिकारी, पत्रकार, लेखक, विचारक किताबें खरीदते हुए देखे गए.

पुस्तक महोत्सव में आज पुस्तकालय विशेषज्ञों से भी उत्तर प्रदेश पुस्तकालय अधिनियम पर एक परिचर्चा का आयोजन किया. जिसमें लखनऊ विश्वविद्यालय, भातखण्डे विश्वविद्यालय, डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय और कई कॉलेजों के लाइब्रेरी साइंस के विद्यार्थी शामिल हुए और पुस्तक संस्कृति के विकास में लाइब्रेरियन के योगदान पर चर्चा की. इस सत्र में उत्तर प्रदेश पुस्तकालय अधिनियम 2006 को शीध्र लागू करने की आवश्यकता पर बल दिया. इस परिचर्चा में उत्तर प्रदेश पुस्तकालय संघ की लखनऊ शाखा के अध्यक्ष विनोद कुमार मिश्र ने पुस्तकालय अधिनियम 2006 के बारे में विस्तार से चर्चा की और पुस्तकालय में महत्व से सभी को अवगत कराया. इस सत्र में डॉ. मनीष कुमार वाजपेयी और प्रो. एम. पी. सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए.

गोमती पुस्तक महोत्सव के लेखक मंच पर आयोजित ‘ट्रुथ ऑफ टेल: जर्नलिज्म, स्टोरीटेलिंज एंड द फाइन लाइन बिटवीन रियलिटी एंड फिक्शन’ सत्र में वरिष्ठ पत्रकार और लेखक अनिल महेश्वरी ने अपनी पत्रकारिता की यात्रा और उसके अनुभव पर आधारित अपनी किताब के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि आज के समय में लोग अभिलेखागारों में नहीं जाते हैं, जिससे उन्हें पत्रकारिता और उसके आस–पास घूमने वाली कहानियों को जानने का मौका नहीं मिलता है. इतिहास के अंदर पात्र तो सत्य होते हैं लेकिन घटनाएं मिथ्या होती हैं, जबकि कहानी में घटनाएं सच्ची होती हैं और पात्र मिथ्या होते हैं. उन्होंने इस कथन के साथ अपने सत्र का समापन किया की पत्रकार के तौर पर पत्रकारों को स्वयं को सीमा में नहीं बांधना चाहिए, सच्चाई को बेबाक अंदाज में छापना चाहिए. इस सत्र का संचालन वरिष्ठ पत्रकार श्री रत्न मनी लाल द्वारा किया गया.

विद्यार्थियों ने जाना आपदा प्रबंधन को

गोमती पुस्तक महोत्सव के शब्द संसार पर श्रीरामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी और उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा आपदा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस सत्र में स्कूल आपदा प्रबंधन पर विशेष जानकारी दी गई. रामस्वरूप मेमोरियल स्कूल के विद्यार्थियों ने आपदा प्रबंधन पर नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया गया. बच्चों ने इस नुक्कड़ नाटक के माध्यम से आपदा होने के कई विषयों पर प्रकाश डाला. इसके बाद उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अमर सिंह ने बताया की कैसे ऐसे संकटों से बचा जा सकता है. उन्होंने ऐसी परिस्थितियों में भारत सरकार और राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली आर्थिक मदद के बारे में भी जानकारी दी.

अमर जी ने बच्चों को मानवजनित आपदा और प्राकृतिक आपदा को समझाते हुए बच्चों को ‘आपदा प्रबंधन एक्ट 2005’ के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्रदान की. उन्होंने बताया कि अगर दुर्भाग्यवश होने वाली घटनाओं से घर के कमाने वाले व्यक्ति की मृत्यु होती है, तो परिवार वालों को 3 से 4 लाख रुपयों तक की आर्थिक मदद दी जाती है. इसके अलावा उन्होंने बच्चों को कोई आपदा हो जाने पर कहाँ से मदद लें उसके लिए बच्चों को कुछ संपर्क सूत्र जैसे जिला आपदा प्रबंधन का टोल-फ़्री हेल्पलाइन नंबर- 1077 और राज्य आपदा प्रबंधन- 1070 बताए.

मेरी भाषा मेरा साहित्य

लेखक गंज का चौथा सत्र राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद (एनसीपीयूएल) द्वारा ‘मेरी भाषा मेरा साहित्य पर’ विषय पर था. इस सत्र में मोहसिन खान, सबीहा अनवर, सबरा हबीब और इशरत नाहीद ने अपने विचार प्रस्तुत किए.

मोहसिन खान जी ने कविताओं से उपन्यासों के अपने सफ़र के बारे में बताया. उन्होंने भारतीय और अदबी ज़बान पर बोलते हुए बताया कि मंटो की रचना ने उन्हें प्रभावित किया . उन्होंने नए लेखकों को संबोधित करते हुए कहा कि आत्मकथाएं लिखकर लेखन की शुरुआत करके सीख सकते हैं. साबीहा अनवर जी ने कहा कि जुबां अदब से जुड़ी है और अदब वही सही होता है, जो जुबां से जुड़ी होती है. साथ ही उन्होंने कहा कि कहानियों में दिखाए गए किरदार मजबूत होने चाहिए. सबरा हबीब जी ने कहा कि हर जुबां खूबसूरत होती है, लेकिन जो एक बार उर्दू के बारे में जान जायेंगे वो उर्दू को पढ़ना चाहेंगे और हमेशा याद रखेंगे.

बाल फिल्म महोत्सव

गोमती पुस्तक महोत्सव के अंतर्गत बाल फिल्म महोत्सव में आज बच्चों को गुजराती फिल्म ’मारा पप्पा सुपर हीरो’ और तमिल फिल्म ’ड्रीम’ दिखाई गईं. नवरीता फाऊंडेशन से आईं अंजली ताज जी का कहना है कि ऐसी सामाजिक और ज्ञानवर्धक फिल्मों के मंचन से बच्चों को अनेकों सार्थक संदेश मिलते हैं. उन्होंने फिल्म ’द एप्पल’ की भी तारीफ करते हुए कहा कि ऐसी फिल्में बच्चों को सामाजिक रूप से तैयार करती हैं.
अपनी माता जी के साथ आईं शिवानी जी का कहना है कि ’मारा पप्पा सुपर हीरो’ एक शानदार फिल्म है, जिसमें दिखाया गया संदेश बहुत प्रभावित है.

रचनात्मक विचारों को बढ़ावा देने में पुस्तकों की अहम भूमिका

लेखक गंज का आखिरी सत्र ‘प्रकृति रक्षा में साहित्य एवं पुस्तकें’ में श्री पुलकित खरे, आईएएस ने अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा की किताबों के माध्यम से उन सामाजिक और आर्थिक परिकल्पना को समझा जा सकता है, जो भिन्न कालों में घटित हुई हैं.

मुशायरा ने जमाया रंग

सांस्कृतिक कार्यक्रम में आयोजित मुशायरा ने दर्शकों को आनंदित कर दिया. मुशायरे में डॉ. अम्मार रिज़वी मुख्य अतिथि थे. हसन काजमी, शाहिद कमाल, चरण सिंह बशर, मनीष शुक्ला, जुबैर अंसारी, पेप्लू, लखनऊ, अभिषेक शुक्ला ने गजलों से वाहवाही बटोरी. मंच संचालन तारिक कमर जी ने किया.


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गोमती पुस्तक महोत्सव के विशेष आयोजन

शनिवार को शब्द संसार में शिवानी कनोडिया द्वारा संगीत के माध्यम से कहानी सुनाईं. एक सत्र में शहर के प्रसिद्ध आरजे प्रतीत दर्शकों को रेडियो जॉकी बनने के लिए मागदर्शन की. लेखक गंज में प्रसिद्ध हस्तियों जैसे लोकगायिका मालिनी अवस्थी जी और फिल्म निदेशक मुजफ्फर अली जी से मिलने का अवसर मिलेगा. सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रसिद्ध सूफी गायिका इंदिरा नाइक द्वारा सूफियाना कलाम प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया जाएगा.

-भारत एक्सप्रेस

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