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राष्ट्र विरोधी गतिविधियों का आरोप लगने पर OCI कार्डधारकों को काली सूची में डालने से पहले अपना पक्ष रखने का मौका दें: HC

दिल्ली हाईकोर्ट ने अमेरिका में रहने वाले एक 80 वर्षीय प्रोफेसर खालिद जहांगीर काजी का OCI कार्ड रद्द करने के केंद्र सरकार के आदेश को खारिज कर दिया.

oci card india

प्रवासी भारतीय नागरिक (OCI) कार्ड

OCI Card India: दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि प्रवासी भारतीय नागरिक (OCI) कार्डधारकों पर नागरिकता अधिनियम व विदेशी अधिनियम दोनों लागू होते हैं. उनमें से किसी एक के खिलाफ राष्ट्र विरोधी गतिविधियां करने का आरोप है तो नागरिकता अधिनियम के तहत उनका OCI कार्ड रद्द किए जाने से पहले उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाता है, लेकिन यह अवसर विदेशी अधिनियम के तहत उनका नाम काली सूची में डालने के दौरान नहीं दिया जाता है. यह प्राकृतिक न्याय के खिलाफ है. काली सूची में नाम डाले जाने के समय भी उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाना चाहिए.

कोर्ट ने कहा कि व्यक्तिगत अधिकारों और राष्ट्रीय सुरक्षा के बीच संतुलन बनाए रखना जरूरी है. उसने यह कहते हुए अमेरिका में रहने वाले एक 80 वर्षीय प्रोफेसर खालिद जहांगीर काजी का OCI कार्ड रद्द करने के केंद्र सरकार के आदेश को खारिज कर दिया. साथ ही केंद्र से कहा कि उन्हें नए सिरे से नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने का अवसर दिया जाए. फिर उसका पक्ष सुनकर उचित फैसला करे.

Delhi High Court

छह सप्ताह में पूरी होनी चाहिए यह प्रक्रिया

न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने कहा कि यह प्रक्रिया छह सप्ताह में पूरी होनी चाहिए. काजी पर भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है. न्यायमूर्ति ने कहा कि कोई भी प्रतिबंध या रद्दीकरण किए जाने से पहले उसका पूरा आधार बताया जाना चाहिए और आरोपी का उसका जवाब देने के लिए उचित अवसर व समय दिया जाना चाहिए.

काजी ने खटखटाया था हाईकोर्ट का दरवाजा

OCI कार्ड रखने वाले अमेरिकी नागरिक काजी ने भारत में आने की अनुमति देने का आग्रह करते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. उन्होंने अपने ऊपर लगाए गए दो प्रतिबंध की वैधता को चुनौती दी थी. पहले में नागरिकता अधिनियम के तहत उनके ओसीआई कार्ड को रद्द करने एवं विदेश अधिनियम के तहत गृह मंत्रालय की ओर से काली सूची में डालने के आदेश को चुनौती दी थी. काली सूची में डाले जाने से उन्हें भारत में प्रवेश से रोकता है. उसका आधार देश विरोधी गतिविधियां था.

बफ़ेलो विविद्यालय में जैकब स्कूल ऑफ़ मेडिसिन एंड बायोमेडिकल साइंसेज में मेडिसिन के क्लिनिकल प्रोफेसर के रूप में कार्यरत काज़ी वर्ष 1970 के दशक में भारत से अमेरिका चले गए थे. वे अपने परिवार के साथ वहीं रह रहे हैं. वे श्रीनगर में रह रहे अपने परिवार के अन्य सदस्यों से मिलने के लिए भारत की यात्रा करना चाहते थे.

– भारत एक्‍सप्रेस

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