बीकानेर हाउस
पटियाला हाउस कोर्ट ने बीकानेर हाउस की कुर्की के आदेश पर रोक लगा दी है. राजस्थान सरकार की ओर से AAG शिवमंगल शर्मा की दलीलें सुनने के बाद यह रोक 7 जनवरी 2025 तक जारी रहेगी. कोर्ट के इस आदेश के बाद बीकानेर हाउस राजस्थान सरकार के नियंत्रण में ही रहेगा.
पटियाला हाउस कोर्ट ने नोखा नगर पालिका को कोर्ट में देय राशि एफडीआर (FDR) के रूप में जमा करने का निर्देश दिया है. नगर पालिका ने देय राशि जमा करने के लिए एक हफ्ते का समय मांगा और कहा कि वह पूरी देय राशि चुकाने के लिए तैयार है. साथ ही, बैंक गारंटी एफडीआर कोर्ट में जमा करने की भी बात कही.
राजस्थान सरकार का दावा
राजस्थान सरकार ने कोर्ट में दलील दी कि बीकानेर हाउस का मालिकाना हक नोखा नगर पालिका के पास नहीं है. सरकार का कहना है कि कोर्ट को इस संबंध में गलत जानकारी दी गई थी और बीकानेर हाउस का मालिकाना हक राजस्थान सरकार के पास है.
पटियाला हाउस कोर्ट के जिला जज विद्या प्रकाश ने अपने आदेश में कहा कि नोखा नगर पालिका की इस साल की शुरुआत में दायर अपील खारिज कर दी गई थी. इसके बाद एनवायरो इंफ्रा इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड के पक्ष में 2020 का मध्यस्थता पुरस्कार अंतिम रूप ले चुका है.
अदालत का कड़ा रुख
जज ने 18 सितंबर को अपने आदेश में कहा था कि अदालत के निर्देश का पालन नहीं किया गया है. अदालत ने पाया कि बार-बार मौका दिए जाने के बावजूद देनदार अपनी संपत्ति का हलफनामा पेश करने में विफल रहा. कोर्ट ने डिक्री धारक (डीएच) की दलीलों से सहमति जताते हुए बीकानेर हाउस के खिलाफ कुर्की वारंट जारी करने का आदेश दिया. यह आदेश 21 जनवरी 2020 को मध्यस्थता अधिकरण द्वारा पारित आदेश को लागू करने के अनुरोध पर दिया गया था.
बता दें कि इससे पहले हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने भी एक आर्बिट्रेशन अवार्ड के पालन के लिए दिल्ली स्थित हिमाचल भवन को कुर्क करने का आदेश दिया था. हाई कोर्ट ने सेली हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी लिमिटेड की याचिका पर ऊर्जा विभाग के खिलाफ यह आदेश दिया था.
-भारत एक्सप्रेस
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