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खान मंत्रालय ने 13 ऑफशोर खनिज ब्लॉकों की नीलामी के लिए शुरू की पहल, कहा- नए युग की शुरुआत

केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने इस मौके पर कहा, यह नीलामी और खोज भारत की नीली अर्थव्यवस्था (Blue Economy) को विकसीत करने में मदद करेगा और खनन क्षेत्र को विकसित भारत की यात्रा का हिस्सा बनाने में सहयोगी होगा.

Gold Mines

खान मंत्रालय ने गुरुवार (28 नवंबर) को अपतटीय (Offshore) क्षेत्रों में नीलामी के लिए भारत के 13 खनिज ब्लॉकों की पहली किश्त लॉन्च की. यह भारत के अपतटीय क्षेत्रों में समुद्र के नीचे खनिज संसाधनों की खोज और विकास में प्रवेश का प्रतीक है. नीलामी का शुभारंभ खान मंत्री (Mines Minister) जी किशन रेड्डी और मंत्रालय के अन्य अधिकारियों ने किया.

नीली अर्थव्यवस्था विकसित होगी

मौके पर अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा, “यह नीलामी और खोज भारत की नीली अर्थव्यवस्था (Blue Economy) को विकसित करने में मदद करेगा और खनन क्षेत्र को विकसित भारत की यात्रा का हिस्सा बनाने में सहयोगी होगा. कई देश ऑफशोर खनन कर रहे हैं और अब भारत भी इसका हिस्सा होगा. व्यापार को आसान (Ease Of Business) बनाने के लिए खान मंत्रालय कई उपाय और संशोधन शुरू कर रहा है.”

ऑफशोर खनन: एक नया युग 

केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी (G Kishan Reddy) ने नीलामी के शुभारंभ की सराहना करते हुए इसे “ऑफशोर खनन में एक नए युग की शुरुआत” बताया. उन्होंने कहा कि भारत के अनन्य आर्थिक क्षेत्र (EEZ) में ये खनिज ब्लॉक बुनियादी ढांचे, इलेक्ट्रिक वाहनों और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण संसाधनों को सुरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, जिससे भारत की आत्मनिर्भरता की यात्रा को बढ़ावा मिलेगा.

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सरकार नकारात्मक पर्यावरणीय प्रभावों को कम करने के लिए सतत खनन के प्रति प्रतिबद्ध है. पहले चरण के तहत कुल 13 ब्लॉकों की नीलामी की जाएगी, जिसमें निर्माण रेत के लिए तीन और चूना मिट्टी के लिए तीन ब्लॉक शामिल हैं.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 13 में से सात ब्लॉक पॉलीमेटेलिक नोड्यूल होंगे, जिनका अभी तक उनका मूल्यांकन नहीं किया गया है.

भारत के भविष्य की कुंजी

लॉन्च से पहले, खान मंत्रालय के सचिव वी.एल. कांथा राव ने अपने संबोधन में आयात पर निर्भरता कम करने के महत्व पर जोर दिया और इसे “भारत के भविष्य की कुंजी” बताया. उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे अपतटीय नीलामी भारत के खनिज स्रोतों में विविधता लाएगी और 2070 तक देश की नेट जीरो प्रतिबद्धताओं का समर्थन करेगी, जिसका लक्ष्य गहरे समुद्र से सतत संसाधनों के माध्यम से अधिक लचीला भारत बनाना है.

ऑफशोर खनिज पृथ्वी के क्रस्ट (Crust) के अंदर गहराई में स्थित होते हैं और तटवर्ती खनिजों की तुलना में उन्हें निकालना मुश्किल होता है. भारत के ऑफशोर खनिज भंडारों में सोना, हीरा, तांबा, निकल, कोबाल्ट, तांबा, मैंगनीज और दुर्लभ पृथ्वी तत्व शामिल हैं. ऑफशोर नीलामी से भारत में इन खनिजों की उपलब्धता बढ़ाने और आयात पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी.


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-भारत एक्सप्रेस



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