झारखंड की ट्रेजरी से निकाले गए 2,812 करोड़ रुपये का हिसाब नहीं मिलने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. ट्रेजरी से 2,812 करोड़ गायब होने को लेकर भाजपा नेता और प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है.
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि 2800 करोड़ से ज्यादा रुपये कहां गायब हो गए, यह सरकार को बताना चाहिए. ऐसी लापरवाही नहीं चल सकती. उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि शायद इन लोगों ने अपनी तिजोरी भर ली है, कहां क्या किया है यह जांच का विषय है. सरकार को जनता को बताना चाहिए पैसा कहां गया है. पैसा जनता का होता है, यह जनता का पैसा है. अगर पैसा इधर से उधर होता है, गायब होता है, उसका हिसाब नहीं मिलता है तो उसके लिए सरकार जिम्मेदार है. सरकार को बताना चाहिए कि पैसा कहां गया?
झारखंड सरकार के खजाने से 2,812 करोड़ रुपये के गबन का गंभीर मामला सामने आया है। यह राशि पिछले कई सालों में एसी-डीसी बिल के तहत एडवांस के रूप में निकाली गई, लेकिन अब तक इसका कोई हिसाब नहीं दिया गया। महालेखाकार (CAG) ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया है कि 4,937 करोड़ रुपये के डीसी… https://t.co/KyknDXRxSI
— Babulal Marandi (@yourBabulal) December 2, 2024
बता दें कि इससे पहले बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट कर कहा, “झारखंड सरकार के खजाने से 2,812 करोड़ रुपये के गबन का गंभीर मामला सामने आया है. यह राशि पिछले कई सालों में एसी-डीसी बिल के तहत एडवांस के रूप में निकाली गई, लेकिन अब तक इसका कोई हिसाब नहीं दिया गया. महालेखाकार (सीएडी) ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया है कि 4,937 करोड़ रुपये के डीसी बिल लंबित हैं, जिनमें से सिर्फ 1,698 करोड़ रुपये का समायोजन हुआ है.”
उन्होंने आगे कहा, “रिपोर्ट के अनुसार, विशेष रूप से ग्रामीण विकास विभाग से 411 करोड़ रुपये अन्य विभागों ने निकाले, जिसका कोई हिसाब नहीं. नियमों के अनुसार, एडवांस में निकाली गई राशि का उपयोग और हिसाब एक महीने के भीतर देना अनिवार्य है, लेकिन राज्य सरकार के कई विभाग इस प्रक्रिया को सालों से नजरअंदाज कर रहे हैं. मार्च 2023 में गठित उच्चस्तरीय समिति ने इस मुद्दे की समीक्षा की थी, लेकिन इसके बाद भी रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. गबन का यह मामला न केवल सरकारी तंत्र की उदासीनता को दर्शाता है, बल्कि वित्तीय पारदर्शिता पर भी गंभीर सवाल उठाता है.”
-भारत एक्सप्रेस
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