जंगल में छोड़े गए कुनो पार्क के दो चीते. (फाइल फोटो)
अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस पर मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के कुनो नेशनल पार्क में दो नर चीते अग्नि और वायु को जंगल में छोड़ा गया. यह रिहाई कुनो नदी के पार स्थित पालपुर ईस्ट क्षेत्र में हुई, जो भारत की महत्वाकांक्षी चीता पुनरुत्पादन परियोजना (Cheetah Reintroduction Project) में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. इन प्रयासों का उद्देश्य देश में लगभग 70 वर्षों से विलुप्त हो चुकी चीतों की आबादी को बहाल करना और क्षेत्र की जैव विविधता को बढ़ाना है.
रिहाई से पहले टीम ने कुनो का किया था दौरा
राजेश गोपाल की अध्यक्षता में एक संचालन समिति ने रिहाई की अंतिम तैयारियों की समीक्षा करने के लिए एक दिन पहले, 3 दिसंबर को कुनो का दौरा किया था. टीम ने सुनिश्चित किया था कि अग्नि और वायु को उनके नए वातावरण में आसानी से स्थानांतरित करने के लिए सभी रसद, सुरक्षा और सुरक्षा उपाय किए गए हैं.
पार्क में लाए जाएंगे और चीते
कुनो नेशनल पार्क में बड़े बाड़ों में समय बिताने के बाद, चीते खुले जंगल में अपनी रिहाई के लिए तैयार थे, जहां वे घूमने, शिकार करने और अपनी प्रसिद्ध गति और चपलता का उपयोग करने के लिए स्वतंत्र होंगे. अग्नि और वायु के छोड़े जाने के बाद, आने वाले महीनों में धीरे-धीरे अतिरिक्त चीते लाए जाएंगे. पार्क के अधिकारी उनकी प्रगति पर बारीकी से नज़र रखेंगे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि चीते जंगल में अच्छी तरह से ढल जाएं.
कुनो नेशनल पार्क चीतों को उनके नए आवास में सहारा देने के लिए पूरी तरह से तैयार है, साथ ही उन्हें संभावित खतरों से बचाने के लिए क्षेत्र को सुरक्षित किया गया है. यह रिहाई पर्यटकों को इन राजसी जीवों को उनके प्राकृतिक परिवेश में देखने का एक अनूठा अवसर भी प्रदान करती है.
वर्तमान में, कुनो राष्ट्रीय उद्यान में 12 वयस्क चीते और 12 शावक हैं, जिससे कुल चीतों की संख्या 24 हो गई है. यह चीता पुनरुत्पादन कार्यक्रम में एक आशाजनक कदम है, जो भारत सरकार और वन्यजीव विशेषज्ञों के समर्थन से नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से चीतों के स्थानांतरण के साथ शुरू हुआ था.
-भारत एक्सप्रेस
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