फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (एफआईईओ) के अध्यक्ष अश्विनी कुमार ने कहा है कि 2023 में 15 प्रतिशत सालाना की वृद्धि दर हासिल करने के बाद भारत का हार्डवेयर निर्यात आने वाले समय में तेजी से बढ़ने को तैयार है. उन्होंने यह बयान राष्ट्रीय राजधानी के प्रगति मैदान में इंटरनेशनल हार्डवेयर फेयर को संबोधित करते हुए दिया.
इस कार्यक्रम में 35 देशों के 250 से अधिक प्रदर्शक और 10,000 व्यापारिक आगंतुक भाग ले रहे हैं. चीन, कोरिया, इटली और ताइवान के प्रदर्शकों द्वारा इंटरनेशनल पवेलियन स्थापित किए गए हैं. कुमार ने कहा कि हार्डवेयर क्षेत्र भारतीय एमएसएमई के लिए निर्यात के बड़े अवसर प्रस्तुत करता है और यह फेयर उनके गुणवत्तापूर्ण सामान को प्रदर्शित करने में मदद करेगा.
लक्ष्य 2027 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना
उन्होंने आगे कहा, “भारत की प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त, इनोवेशन और लागत-प्रभावशीलता ने इसे वैश्विक हार्डवेयर बाजार (विशेष रूप से मशीनरी, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों) में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया है.” कुमार के मुताबिक देश ने वैश्विक स्तर पर पांचवीं सबसे बड़ी प्रमुख अर्थव्यवस्था बनने का गौरव प्राप्त किया है और हमारा संयुक्त लक्ष्य 2027 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना है.
778 बिलियन डॉलर का हुआ निर्यात
भारत के निर्यात और महत्वाकांक्षी लक्ष्यों पर प्रकाश डालते हुए एफआईईओ के महानिदेशक और सीईओ अजय सहाय ने कहा, “भारत 2030 तक 2 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य के साथ निर्यात में बड़े उछाल के लिए तैयार है. हाल के वर्षों में, हमारा निर्यात 478 बिलियन डॉलर से बढ़कर 778 बिलियन डॉलर हो गया है, जो 8 प्रतिशत से अधिक की मजबूत चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) को दर्शाता है.”
उन्होंने कहा, “इस गति को बनाए रखने के लिए हमारा लक्ष्य 14 प्रतिशत सीएजीआर से बढ़ना है, जो सपोर्टिव इकोसिस्टम और भारत की टेक्नोलॉजी पावर को देखते हुए प्राप्त किया जा सकता है.” उन्होंने आगे कहा कि प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम और रिसर्च और डेवलपमेंट पर फोकस इसकी सफलता की एक बड़ी वजह होगी.
-भारत एक्सप्रेस
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