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NGT ने यमुना के डूब क्षेत्र में अवैध रेत खनन पर उत्तरी दिल्ली और गाजियाबाद के DM से मांगा जवाब

इस मामले में उत्तरी दिल्ली और गाजियाबाद के जिलाधिकारियों तथा केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के लखनऊ क्षेत्रीय कार्यालय को प्रतिवादी बनाया गया है.

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने यमुना नदी के डूब क्षेत्र (Yamuna Flood Plains) में अवैध रेत खनन के मुद्दे पर उत्तरी दिल्ली और गाजियाबाद के जिलाधिकारियों समेत अन्य प्राधिकारियों से जवाब मांगा है. NGT के अध्यक्ष जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव एवं विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल की पीठ ने उत्तरी दिल्ली के अलीपुर एवं गाजियाबाद के पंचयारा के बीच डूब क्षेत्र में बड़े पैमाने पर हो रहे अवैध खनन की मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए यह जवाब तलब किया है. NGT 14 अप्रैल को अगली सुनवाई करेगा.

नदी के आसपास सड़कें बनाई जा रही

इस मामले में उत्तरी दिल्ली और गाजियाबाद के जिलाधिकारियों तथा केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के लखनऊ क्षेत्रीय कार्यालय को प्रतिवादी बनाया गया है. इसके अलावादिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिवों को भी प्रतिवादी बनाया गया है.

एनजीटी ने कहा कि उपरोक्त प्रतिवादियों को अपना जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया जाए. मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि यमुना के डूब क्षेत्र में अवैध रेत खनन करने वाले नदी के आसपास अस्थायी सड़कें बना रहे हैं. ताकि वे उत्खनन मशीनों को उक्त जगह ले जा सकें और खनन कर सकें.


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-भारत एक्सप्रेस



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