योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश.
उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद के बीच प्रशासन ने एक नया मंदिर खोजा है, यह मंदिर पिछले 40 सालों से बंद था. इस मंदिर को 14 दिसंबर को डीएम-एसपी की मौजूदगी में खुलवाया गया. अब इस मंदिर को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी प्रतिक्रिया दी है.
सीएम योगी ने दी प्रतिक्रिया
सीएम ने रविवार (15 दिसंबर) को कहा कि क्या इतना प्राचीन मंदिर रातों-रात प्रशासन ने बना दिया? और क्या वहां बजरंगबली की इतनी प्राचीन मूर्ति रातों-रात में ही आ गई?
नरसंहार पर चर्चा क्यों नहीं होती है?- सीएम
सीएम योगी ने ये भी कहा कि उन दरिंदों को अब तक सजा क्यों नहीं मिली, जिन्होंने 46 साल पहले संभल में नरसंहार किया था? उन्होंने सवाल उठाया कि इस नरसंहार के मुद्दे पर आखिर चर्चा क्यों नहीं होती है?
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प्रशासन ने खुलवाया मंदिर
बता दें कि संभल में 46 साल पहले हुई हिंसा के बाद इस शिव मंदिर को बंद कर दिया था, जिसे अब प्रशासन की मौजूदगी में खोला गया है. मंदिर खुलने के बाद पूरे विधि-विधान के साथ इस मंदिर में भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया गया. मंदिर में एक हनुमानजी की भी मूर्ति मिली है.
“संविधान में सेकुलर शब्द डालने वाले शोक मना रहे”
सीएम योगी ने कहा कि अयोध्या का फैसला नहीं आता तो क्या राम मंदिर का निर्माण हो पाता. अयोध्या में एयरपोर्ट बन पाता? वहां इतनी अच्छी कनेक्टिविटी हो सकती थी? यहां की गालियां फोरलेन की बन पाती? यहां का रेलवे डबल लाइन से जुड़ पाती? आम जनमानस खुश है. हर व्यक्ति प्रफुल्लित है. आने वाला श्रद्धालु कृतज्ञता व्यक्त करता है. लेकिन देश के संविधान का वास्तव में गला घोंटकर, संविधान में चोरी से सेकुलर शब्द डालने वाले लोग आज अपने घर में शोक मना रहे हैं.
उन्हें परेशानी है कि काशी विश्वनाथ धाम का कायाकल्प कैसे हो गया. अयोध्या के विकास को लेकर उन्हें परेशानी है कि अयोध्या में राम मंदिर कैसे बन गया और अयोध्या इतनी दिव्य और भव्य कैसे हो गई.
योगी ने कहा कि उन्हें परेशानी इस बात की है कि दशकों तक शासन किया लेकिन कुछ नहीं कर पाए. अपने निकम्मेपन पर हम लोगों को कोस रहे हैं. हम सबको इनकी इस मानसिकता को देखना होगा. ये कितना भी राग अलापें, कल संसद में चर्चा संविधान पर हो रही थी लेकिन मुद्दा संभल का उठ रहा था.
-भारत एक्सप्रेस
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