प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके से मुलाकात की. (फोटो: PIB)
श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने सोमवार (16 दिसंबर) को कहा कि उनके देश की भूमि का इस्तेमाल भारत के लिए हानिकारक किसी भी गतिविधि के लिए नहीं किया जाएगा. वे दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद बोल रहे थे.
दोनों नेताओं ने हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय बैठक की, जहां दिसानायके ने दो साल पहले श्रीलंका के ‘अभूतपूर्व आर्थिक संकट’ के दौरान मदद करने के लिए भारत का आभार व्यक्त किया. पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने लगभग 4 अरब अमेरिकी डॉलर के ऋण और अनुदान के माध्यम से श्रीलंका का समर्थन किया है.
चुनावों के बाद पहली भारत यात्रा
पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने पड़ोसी देश में ‘सुलह और पुनर्निर्माण’ पर चर्चा की और उम्मीद जताई कि श्रीलंका सरकार तमिल अल्पसंख्यकों की आकांक्षाओं को पूरा करेगी. रविवार (15 दिसंबर) शाम को दिल्ली पहुंचे दिसानायके मंगलवार (17 दिसंबर) तक भारत की राजकीय यात्रा पर हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि श्रीलंका में हाल ही में संपन्न राष्ट्रपति और संसदीय चुनावों के बाद राष्ट्रपति दिसानायके की यह पहली भारत यात्रा है. दिसानायके ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात की.
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बोधगया भी जाएंगे
श्रीलंका के हाल ही में निर्वाचित राष्ट्रपति दिल्ली में एक व्यापारिक कार्यक्रम में भाग लेंगे और उसके बाद बोधगया जाएंगे. दोनों पक्षों ने दोहरे कराधान से बचने के साथ-साथ क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण पर समझौतों पर हस्ताक्षर किए.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस यात्रा ने द्विपक्षीय संबंधों में नई गति और ऊर्जा का संचार किया है और वे एक ‘भविष्य के दृष्टिकोण’ पर काम करेंगे, जिसमें ‘निवेश-आधारित विकास’ और भौतिक, डिजिटल और ऊर्जा कनेक्टिविटी शामिल होगी. उन्होंने सामपुर सौर ऊर्जा परियोजना, श्रीलंका के भीतर रेलवे कनेक्टिविटी, दोनों देशों के बीच नौका और उड़ान सेवाओं, डिजिटल पहचान परियोजना और शिक्षा के अलावा रक्षा समझौतों और हाइड्रोग्राफी पर काम पर भी चर्चा की. दिसानायके ने कहा कि उन्हें मछुआरों के मुद्दे का एक ‘टिकाऊ समाधान’ खोजने की जरूरत है.
विदेश मंत्रालय ने क्या कहा
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने शुक्रवार को कहा था, ‘राष्ट्रपति दिसानायके की भारत यात्रा दोनों देशों के बीच बहुआयामी और पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग को और मजबूत करेगी.’ दिसानायके का पदभार ग्रहण करने के बाद पहला विदेश दौरा भारत का है, यह दर्शाता है कि नए श्रीलंकाई राष्ट्रपति, जिन्होंने राजनीतिक अभिजात वर्ग द्वारा शासित पारंपरिक राजनीतिक दलों को हराया, ने संबंधों को कितना महत्व दिया है. दिसानायके के साथ विदेश मंत्री विजिता हेराथ और वित्त उप मंत्री अनिल जयंता फर्नांडो भी हैं.
एस. जयशंकर ने किया था आमंत्रित
नई दिल्ली आने का निमंत्रण विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने दिया था, जो दिसानायके की जीत के एक पखवाड़े से भी कम समय बाद कोलंबो गए थे. 23 सितंबर को दिसानायके के नेतृत्व वाली नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) सरकार के सत्ता में आने के बाद जयशंकर श्रीलंका का दौरा करने वाले पहले विदेश मंत्री थे.
-भारत एक्सप्रेस
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