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Viral Video: AI War में बुरे फंसे केजरीवाल, आशीर्वाद के जवाब में मिला थप्पड़!

एआई तकनीक का दुरुपयोग कर अरविंद केजरीवाल और डॉ. अंबेडकर से जुड़े वीडियो को इस तरीके से पेश करना एक नए विवाद का जड़ बनता दिखाई दे रहा है.

Kejriwal Viral Video

बाबासाहेब अंबेडकर को लेकर चल रहे विवाद के बीच आम आदमी पार्टी (AAP) ने एक नया AI-जनरेटेड वीडियो जारी किया था, जो सोशल मीडिया पर चर्चा का केंद्र बन गया. 15 सेकेंड के इस वीडियो में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और AI-जनरेटेड डॉ. भीमराव अंबेडकर इंडिया गेट के पास आमने-सामने खड़े दिखाई दे रहे हैं. वीडियो के बैकग्राउंड में केजरीवाल की आवाज सुनाई देती है, जिसमें वे कह रहे हैं-


“मुझे शक्ति दीजिए बाबा साहेब, ताकि मैं उन लोगों से लड़ सकूं जो आपका और आपके संविधान का अपमान करते हैं.” वीडियो में बाबासाहेब को केजरीवाल का सिर सहलाते हुए दिखाया गया है.

इस वीडियो के रिप्लाई में एक AI द्वारा बनाए गए मूल वीडियो को संपादित करते हुए एक विवादित वीडियो बना दिया गया है. इस वीडियो के एक संपादित संस्करण में अंबेडकर को केजरीवाल को थप्पड़ मारते हुए दिखाया गया. यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.

विशेषज्ञों की राय

मीडिया विशेषज्ञों और एआई विशेषज्ञों ने इस घटना को गंभीर बताते हुए कहा कि यह घटना दर्शाती है कि एआई का इस्तेमाल झूठी कहानियां गढ़ने और सामाजिक सद्भाव को प्रभावित करने के लिए किया जा सकता है. ऐसे टूल्स का दुरुपयोग लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए खतरा बन सकता है.

क्या एआई का दुरुपयोग पर लगेगी लगाम

यह घटना दिखाती है कि एआई तकनीक जितनी उपयोगी है, उतनी ही खतरनाक हो सकती है. इसे नियंत्रित करने के लिए निम्न कदम उठाए जाने चाहिए…

  • सख्त कानून और नियम: एआई के दुरुपयोग को रोकने के लिए सरकार को कड़े नियम बनाने चाहिए.
  • सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की जिम्मेदारी: सोशल मीडिया कंपनियों को ऐसी फेक सामग्री को रोकने के लिए उन्नत तकनीक का उपयोग करना चाहिए.
  • जनता में जागरूकता: लोगों को शिक्षित करना जरूरी है ताकि वे नकली और असली सामग्री में फर्क कर सकें.

AI का उपयोग एक दो धारी तलवार की तरह

डॉ. अंबेडकर का नाम और छवि भारत के संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों से जुड़ी है. इस घटना ने केवल एक राजनीतिक नेता को नहीं, बल्कि संविधान और भारतीय समाज के मूल्यों को भी प्रभावित किया है. एआई के सही उपयोग और दुरुपयोग के बीच की रेखा बेहद पतली है और इसे नियंत्रित करना समय की आवश्यकता है.

इस घटना से सबक लेते हुए सरकार, तकनीकी विशेषज्ञ, और समाज को मिलकर काम करना होगा ताकि एआई का उपयोग सकारात्मक उद्देश्यों के लिए हो और गलत सूचना का प्रसार रोका जा सके.


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देखें वीडियो-

-भारत एक्सप्रेस



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