सीबीआई
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने जेएनसीएच, न्हावा शेवा के तत्कालीन प्रिवेंटिव अधिकारी और दो निजी व्यक्तियों के खिलाफ रिश्वतखोरी के एक मामले में अलीबाग स्थित विशेष न्यायालय (सीबीआई) में आरोप पत्र दाखिल किया है. यह मामला 12 फरवरी 2024 को दर्ज किया गया था. आरोप है कि उक्त प्रिवेंटिव अधिकारी ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रची और गैरकानूनी रूप से रिश्वत की मांग की एवं स्वीकार की.
मामले की मुख्य जानकारी
आरोप है कि तत्कालीन प्रिवेंटिव अधिकारी, जो जुलाई 2017 में एसआईआईबी, जेएनसीएच में तैनात थे, को जांच के लिए कुछ मामले सौंपे गए थे. इस दौरान उन्होंने कथित तौर पर एक निजी व्यक्ति द्वारा संचालित सिंडिकेट के फर्जी शिपिंग बिलों के आधार पर ड्यूटी ड्रॉबैक के फर्जी दावों के बारे में जानकारी प्राप्त की.
उक्त अधिकारी ने कथित रूप से इस सिंडिकेट का पर्दाफाश न करने के लिए 1 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी. बाद में बातचीत के बाद, 25 लाख रुपये और भविष्य में प्रत्येक फर्जी शिपिंग बिल के लिए 10,000 रुपये की मांग पर सहमति बनी. इस आपराधिक साजिश के तहत 25 लाख रुपये की राशि किस्तों में उक्त निजी व्यक्ति द्वारा अधिकारी तक पहुंचाई गई.
जांच में बड़े खुलासे
- सीबीआई ने जांच के दौरान निजी व्यक्तियों के फोन जब्त किए और उनमें रिश्वत की रकम को लेकर बातचीत के प्रमाण पाए.
- अधिकारी द्वारा रिश्वत की रकम स्वीकार करने और फर्जी निर्यात (घोस्ट एक्सपोर्ट) को नजरअंदाज करने के सबूत भी मिले.
- आरोप है कि उक्त अधिकारी ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए सिंडिकेट के साथ मिलकर अवैध ड्यूटी ड्रॉबैक की रकम का हिस्सा प्राप्त किया.
आरोप पत्र दाखिल
सीबीआई ने सभी आरोपियों के खिलाफ 18 दिसंबर 2024 को जांच पूरी करने के बाद आरोप पत्र दाखिल किया. इस मामले में अदालत में जल्द सुनवाई होने की उम्मीद है.
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-भारत एक्सप्रेस
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