सोने की खान. (प्रतीकात्मक फोटो)
दक्षिण अफ्रीका के गौतेंग प्रांत में स्थित मपोनेग गोल्ड माइन दुनिया की सबसे गहरी सोने की खदान है. इस खदान की गहराई लगभग 4 किलोमीटर है, जो इसे अद्वितीय बनाती है. इतनी गहराई में काम करना आसान नहीं है, लेकिन आधुनिक तकनीक और मेहनतकश मजदूरों की बदौलत यह संभव हो पाया है.
भीषण गर्मी और तापमान नियंत्रण
इस खदान में तापमान 150 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, जो किसी के लिए भी असहनीय है. इस गर्मी को नियंत्रित करने के लिए हर दिन करीब 6,000 टन बर्फ भूमिगत जलाशयों में डाली जाती है, ताकि खदान के भीतर का तापमान कम किया जा सके.
सोने का विशाल उत्पादन
मपोनेग गोल्ड माइन हर साल करीब 8,000 किलोग्राम सोने का उत्पादन करती है. लेकिन, यह उत्पादन आसान नहीं है. इसके लिए करीब 5,400 मैट्रिक टन चट्टानों को तोड़ना पड़ता है. खनन कार्य में अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल होता है, जो इसे संभव बनाता है.
दुनिया के सोने का प्रमुख स्रोत
यह खदान दुनिया के कुल सोने का करीब 16% उत्पादन करती है, जो इसे वैश्विक खनन उद्योग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाता है. यहां की गर्मी इतनी अधिक है कि खदान के अंदर अंडा भी उबाला जा सकता है.
तकनीक और मेहनत का प्रतीक
मपोनेग गोल्ड माइन केवल अपने सोने के भंडार के लिए प्रसिद्ध नहीं है, बल्कि यह इंसान की तकनीकी क्षमता और कठिन परिस्थितियों में काम करने के दृढ़ संकल्प का प्रतीक भी है. यह खदान खनन उद्योग के इतिहास में एक अद्वितीय स्थान रखती है.
इस खदान की कहानी न केवल सोने के लिए मेहनत और संघर्ष को दर्शाती है, बल्कि यह बताती है कि मानव दृढ़ता से हर चुनौती को पार कर सकता है.
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-भारत एक्सप्रेस
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