चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में अफगानिस्तान के खिलाफ होने वाले मैचों को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. इंग्लैंड के बाद अब दक्षिण अफ्रीका के खेल मंत्री गेयटन मैकेंजी ने भी अपनी टीम से इस मैच का बहिष्कार करने की अपील की है. अफगानिस्तान में तालिबान सरकार द्वारा महिला खेलों पर लगाए गए प्रतिबंध के विरोध में यह अपील की गई है. गेयटन मैकेंजी ने प्रोटियाज टीम से अपील की है कि वे 21 फरवरी को कराची के नेशनल स्टेडियम में अफगानिस्तान के खिलाफ होने वाले चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के ओपनर मुकाबले का बहिष्कार करें.
गेयटन मैकेंजी ने कहा, “एक खेल मंत्री के तौर पर यह फैसला लेना मेरा अधिकार नहीं है कि दक्षिण अफ्रीका अफगानिस्तान के खिलाफ खेले या नहीं. लेकिन अगर यह मेरे हाथ में होता, तो मैं इस मैच को खेलने की इजाजत नहीं देता.”
उन्होंने आगे कहा, “मैं एक ऐसे समुदाय से आता हूं, जिसे रंगभेद के दौरान खेलों में बराबरी का हक नहीं मिला. ऐसे में अगर मैं आज महिलाओं के साथ हो रहे इस अन्याय को नजरअंदाज करूं, तो यह पूरी तरह से पाखंड और अनैतिक होगा.”
इंग्लैंड पर भी बहिष्कार का दबाव
दक्षिण अफ्रीका से पहले, इंग्लैंड के राजनेताओं ने भी अपनी सरकार पर दबाव बनाया था कि वह 26 फरवरी को लाहौर में अफगानिस्तान के खिलाफ होने वाले चैंपियंस ट्रॉफी मैच का बहिष्कार करे. इसका कारण भी अफगानिस्तान में महिलाओं के खेल पर लगे प्रतिबंध को बताया गया.
ICC का रुख
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, ICC के चेयरमैन जय शाह का मानना है कि अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (ACB) केवल तालिबान सरकार के आदेशों का पालन कर रहा है, जो 2021 से सत्ता में है, और खुद से देश में महिला खेलों को पुनर्जीवित करने में असमर्थ है. लेकिन ऐतिहासिक रूप से, ICC ने सुरक्षा या किसी अन्य कारण से वैश्विक टूर्नामेंट में टीमों द्वारा मैच छोड़ने के फैसले में हस्तक्षेप नहीं किया है.
क्या होगा अगर इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका मैच नहीं खेलते?
अगर दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड अफगानिस्तान के खिलाफ अपने-अपने मुकाबले खेलने से इनकार करते हैं, तो अफगानिस्तान को पूरे अंक दे दिए जाएंगे. टूर्नामेंट के नियमों के अनुसार, किसी टीम को यह स्वतंत्रता है कि वह कोई मैच खेले या न खेले. लेकिन अगर कोई टीम खेलने से इनकार करती है, तो उसे इसके नुकसान का सामना करना पड़ता है.
अगर इंग्लैंड अफगानिस्तान के खिलाफ नहीं खेलता, तो अफगानिस्तान को पूरे अंक मिलेंगे. यह पहली बार नहीं है कि किसी वैश्विक टूर्नामेंट में मैच खेलने से इनकार किया गया हो. 1996 के वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज ने सुरक्षा चिंताओं के कारण श्रीलंका जाने से इनकार कर दिया था. इसके बाद श्रीलंका को उन मुकाबलों के चार अंक दे दिए गए थे.
-भारत एक्सप्रेस
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