मोबाइल चोरी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़
IGI Airport: दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट (IGI Airport) के कार्गो एरिया में एक्टिव मोबाइल चोरी करने वाले गिरोह का एयरपोर्ट पुलिस ने भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से 12 फोन बरामद किए हैं. इस मामले में एयरपोर्ट पुलिस ने तीन मामले दर्ज किए थे और इसके बाद चोरी को अंजाम देने वाले गिरोह को दबोचने की कोशिशें जारी थीं.
जसवंत सिंह ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके कन्साइनमेंट से 17 मोबाइल फोन (सैमसंग गैलेक्सी एम-32 और सैमसंग गैलेक्सी एम-33) चोरी हो गए हैं जिन्हें दुबई एक्सपोर्ट किया जाना था. गोदाम से कार्गो एरिया जाने के रास्ते में कन्साइनमेंट से फोन चोरी के बाद शिकायतकर्ता ने पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया था, इसके बाद से पुलिस जांच में जुट गई थी.
एसएचओ यशपाल सिंह के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया और कई ठिकानों पर रेड की गई. चोरी हुए मोबाइल को सर्विलांस पर रखा गया था और उनकी लगातार मॉनिटरिंग की जा रही थी. कुछ दिनों बाद बरेली और आसपास के इलाके में इनमें से कुछ मोबाइल फोन सक्रिय हो गए. इसके बाद पुलिस की टीम ने पड़ताल तेज की तो मालूम हुआ कि बरेली के ही शेर सिंह ने अलग-अलग लोगों को मोबाइल फोन बेच दिए थे.
शेर सिंह के कब्जे से 5 मोबाइल बरामद
इस जानकारी के सामने आने के बाद पुलिस की टीम ने छापेमारी की और शेर सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया. इस मामले में पूछताछ के दौरान शेर सिंह ने खुलासा किया कि उसने अरुण कुमार और पवन कुमार से औने-पौने दामों पर 17 सैमसंग गैलेक्सी मोबाइल फोन खरीदे थे. उसने यह भी खुलासा किया कि पवन और अरुण चोरी के मोबाइल फोन आनंद कार्गो कंपनी में काम करने वाले दो ड्राइवरों से खरीदते थे. तलाशी के दौरान शेर सिंह के कब्जे से 05 हाई-एंड सैमसंग मोबाइल फोन बरामद किए गए.
शेर सिंह से पूछताछ के आधार पर पवन कुमार, अरुण कुमार, मनीष कुमार और सतेंद्र यादव के ठिकानों पर छापेमारी की गई. दोनों ड्राइवरों मनीष कुमार और सतेंद्र यादव को उनके ठिकाने से गिरफ्तार कर लिया गया. पूछताछ के दौरान उन्होंने बताया कि वे जल्दी पैसा कमाना चाहते थे. इस बीच वे अरुण और पवन नाम के दो व्यक्तियों के संपर्क में आए, जो उनकी कंपनी के पास ही रहते थे. इसके बाद इन्होंने मिलकर एक गिरोह बना लिया और एक साथ चोरी को अंजाम देना शुरू कर दिया. मनीष और सतेंद्र कन्साइनमेंट से मोबाइल चुराते थे और आगे अरुण और पवन उन्हें बाजार में बेचते थे.
-भारत एक्सप्रेस
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