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UP Politics: “बताएंगे नहीं कि कहां हो रहा है, बस कहेंगे हो रहा है”, योगी सरकार के नवरात्रि वाले फैसले पर अखिलेश यादव ने उठाए सवाल

अखिलेश यादव जानते हैं कि धर्म के मुद्दे पर भाजपा से टकराना आसान नहीं है. फिर भी वो इस लड़ाई के लिए तैयार हैं. अब अखिलेश की ये लड़ाई कितना रंग लाएगी, इसका पता एक साल के भीतर ही चल जाएगा.

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अखिलेश यादव और सीएम योगी

UP Politics: यह मौसम धार्मिक त्योहारों (Religious Festivals) का है, तो सियासत भी अपनी दिशा बदल चुकी है. दरअसल, यूपी सरकार (UP Government) ने फैसला लिया है कि पूरे उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मंदिरों में अखंड रामायण (Akhand Ramayan Path) और दुर्गा सप्तशती का पाठ (Durga Saptashati Path) करवाया जाएगा. सरकार ने इस कार्यक्रम के लिए सभी जिलों को एक-एक लाख रुपए भी उपलब्ध करावाया, लेकिन अब इस फैसले पर नई सियासत शुरू हो गई है.

समाजवादी पार्टी (SP) के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने सरकार पर तंज कसते हुए लखनऊ में उस जगह के बारे में पूछा लिया, जहां सरकारी खर्चे पर धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन करवाया जा रहा है. अखिलेश ने कहा, “किसी को बता ही नहीं रहे हैं कि कहां पूजा-पाठ कर रहे हैं. बताओ हमलोग भी पहुंचेंगे भाई, सरकार का पैसा नहीं, जनता का पैसा है. अगर लखनऊ में कहीं हो रहा हो तो चलो हम सब लोग चलते हैं वहां पर, शामिल होते हैं.” उन्होंने सरकार पर बिना किसी का नाम लिए निशाना साधते हुए कहा, “बताएंगे नहीं कि कहां हो रहा है, बस कहेंगे हो रहा है.”

अखिलेश ने खुद को हिंदुत्व के पिच पर उतारा

दरअसल, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक तीर से दो निशाने साधने की कोशिश की. एक तरफ जहां उन्होंने कार्यक्रम के धरातल पर उतरने को लेकर सवाल उठाएं, तो साथ ही खुद को हिंदुत्व की पिच पर भी उतार दिया. इससे पहले जब सरकार ने इस धार्मिक आयोजन को करवाने का ऐलान किया था तब भी अखिलेश ने आयोजन की राशि को काफी कम बताया था और कम से कम 10 करोड़ रुपए देने की मांग की थी. इसके साथ ही ये भी कहा था कि सभी धर्मों के त्योहारों को मनाया जाना चाहिए.

हिंदुत्व की नांव पर सवार हैं अखिलेश

दरअसल, सपा मुखिया अखिलेश यादव इन दिनों पूरी तरह से हिंदुत्व के नांव पर सवार हैं. इससे पहले जब उन्होंने कोलकाता में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था, तब भी नवरात्रि की अहमियत को समझाते हुए हिंदु वोटरों को बड़ा संदेश दिया था. उन्होंने कहा था, “नेता जी भी इसी शहर में आते रहे हैं. इसी बंगाल में आते रहे और जब कभी भी समाजवादी पार्टी का यहां पर कार्यक्रम हुआ है, हमेशा नई ऊर्जा मिली है. इस बार तो नवरात्रि शुरू होने जा रहे हैं. इसलिए हम समाजवादी लोग इस स्थान पर इसलिए आए हैं कि अब मां दुर्गा का भी हम लोगों को आशीर्वाद मिले.”

कोलकाता में लिया मां दुर्गा से आशीर्वाद

अखिलेश ने कोलकाता में नवरात्रि का जिक्र किया, जहां उन्होंने मां दुर्गा का आशीर्वाद मांगा और अगले ही दिन काली मंदिर में दर्शन पूजन करते दिखाई दिए थे. यानी अखिलेश ने तय कर लिया है कि वो धर्म के मुद्दे पर भगवा पार्टी को टक्कर लेने को पूरी तरह तैयार हैं. और इसकी तैयारी अब उन्होंने और तेज कर दी है.

बार-बार धार्मिक भेदभाव का मुद्दा उछाल रही है सपा

यूपी में अखिलेश यादव की टक्कर उस योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) से है, जो आए दिन भक्ति पथ पर नजर आते हैं. नवरात्रि का पहला दिन था तो सीएम योगी ने बलरामपुर के मां पाटेश्वरी देवी मंदिर में पूजा-अर्चना की. लेकिन असल सवाल वोट बैंक का है. क्योंकि अखिलेश जहां हिंदुओं को नाराज नहीं करना चाहते तो मुस्लिम वोट भी वो नहीं गंवाना चाहते. यही वजह है कि सपा की तरफ से बार-बार धार्मिक भेदभाव के मुद्दों को हवा दी जा रही है.

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अखिलेश यादव जानते हैं कि धर्म के मुद्दे पर भाजपा से टकराना आसान नहीं है. फिर भी वो इस लड़ाई के लिए तैयार हैं. अब अखिलेश की ये लड़ाई कितना रंग लाएगी, इसका पता एक साल के भीतर ही चल जाएगा.

-भारत एक्सप्रेस



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