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Hooghly Violence: हुगली हिंसा पर बोले राज्यपाल- “हुड़दंगियों को कानून हाथ में लेने की अनुमति नहीं,” कलकत्ता हाईकोर्ट ने सरकार से मांगी रिपोर्ट

CV Anand Bose on Hoogly Violence: पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में हिंसा प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने के लिए मंगलवार को राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस रिसड़ा पहुंचे.

Hooghly Violence

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस (ANI)

Hooghly Violence: दार्जिलिंग का दौरा छोड़कर हुगली जिले के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ. सी वी आनंद बोस (CV Anand Bose) ने मंगलवार को कहा कि हुड़दंगियों को कानून को हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी. उन्होंने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार भीड़तंत्र को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए मिलकर काम करेगी. राज्यपाल (CV Anand Bose) ने कहा कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों की तरफ से ‘‘ठोस कार्रवाई’’ की जाएगी.

उन्होंने कहा, ‘‘हम हुड़दंगियों को कानून को अपने हाथों में लेने की कभी अनुमति नहीं देंगे. केंद्र, राज्य, राजनीतिक दल, मीडिया और जनता, भीड़तंत्र को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए हाथ मिलाएंगे.’’ राज्यपाल (CV Anand Bose) ने स्थिति का जायजा लेने के लिए पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों एवं स्थानीय लोगों से भी बातचीत की.

दार्जिलिंग से रवाना होकर कोलकाता हवाई अड्डे पर उतरने के बाद बोस सीधे हुगली जिले के रिसड़ा गये. राज्यपाल रेलवे गेट संख्या चार पर गये जहां सोमवार रात हिंसा और आगजनी की गयी थी.

रिसड़ा में रविवार की शाम राम नवमी जुलूस के दौरान झड़प की खबर मिली है जिसमें भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष एवं पार्टी के विधायक बिमान घोष भी मौजूद थे. इस दौरान विधायक घायल हो गये और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

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श्रीरामपुर के कुछ हिस्सों में तोड़फोड़ की घटनाएं हुई जिसके बाद निषेधाज्ञा लगा दी गयी और इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गयीं. राज्यपाल बोस (CV Anand Bose) जी 20 बैठक में भाग लेने के लिए दार्जिलिंग गए हुए थे.

कलकत्ता हाईकोर्ट ने बंगाल सरकार से मांगी रिपोर्ट

कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल सरकार को पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के रिसड़ा में 2 अप्रैल की शाम रामनवमी के जुलूस से शुरू हुई हिंसा पर 3 अप्रैल की रात तक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया. कलकत्ता उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की पीठ ने राज्य सरकार को इस संबंध में एक पूरक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया, जिसमें रिसड़ा में हिंसा के कारणों को बताया गया हो. बुधवार को मामले की सुनवाई होगी.

-भारत एक्सप्रेस



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