बृजभूषण शरण सिंह
Wrestlers Protest: WFI के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. जिसके बाद दिल्ली पुलिस एफआईआर दर्ज करने के लिए तैयार हो गई. भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों का प्रदर्शन आज छठे दिन भी जारी है. बीते कई दिनों से बृजभूषण के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग को लेकर अन्य पहलवानों के साथ विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया और संगीता फोगाट जंतर मंतर पर धरना दे रहे हैं. वहीं सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने मामले को लेकर कहा कि आज शाम तक दिल्ली पुलिस पहलवानों की शिकायत पर FIR दर्ज कर लेगी.
पहलवानों के सुरक्षा की मांग
कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान महिला पहलवानों की सुरक्षा की भी मांग की है. कपिल सिब्बल पहलवानों की तरफ से मामले की पैरवी कर रहे थे. इस बीच कपिल सिब्बल ने एक सीलबंद कवर सुप्रीम कोर्ट में पेश किया और उन्होंने इस बात की मांग की वो एक स्पेशल टास्क फोर्स का गठन करे. इस दौरान सिब्बल ने इस बात का भी जिक्र किया कि मामले में मुख्य आरोपी पर हत्या के मामले सहित कुल मिलाकर 40 केस दर्ज हैं और ऐसे में याचिका देने वालों की सुरक्षा को लेकर वे चिंतित हैं.
कपिल सिब्बल ने मामले की जांच के लिए STF के गठन का भी अनुरोध कोर्ट से किया. इसपर एसजी ने कहा कि यह दिल्ली पुलिस कमिश्नर पर छोड़ देना चाहिए. इसके बाद सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज की निगरानी में जांच होने की बात कही. जिसपर तुषार मेहता ने उनकी इस मांग को अधिक बताया.
मामले में सीजेआई ने कही यह बड़ी बात
दोनों तरफ के वकीलों की बात सुनने के बाद मामले की सुनवाई कर रहे सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि, “सॉलिसीटर जनरल हम आपका वक्तव्य रिकॉर्ड कर लेते हैं. 1 हफ्ते बाद हमें आगे की जानकारी दी जाए.” इसके अलावा चीफ जस्टिस ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने FIR दर्ज करने की बात कही है. जांच के लिए STF बनाने हम अभी पर कुछ नहीं कह रहे हैं. वहीं पहलवानों की सुरक्षा की मांग को लेकर उन्होंने कहा कि नाबालिग खिलाड़ी पर खतरे की समीक्षा कर पुलिस कमिश्नर उसे सुरक्षा दें. इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि बाकी खिलाड़ियों की सुरक्षा की भी समीक्षा हो. एक हफ्ते बाद अगले शुक्रवार को मामला दोबारा सुनवाई के लिए लगाया जाएगा. वहीं तुषार मेहता ने कहा कि यह ठीक नहीं है कि हर मामले में सीधे कोर्ट की या पूर्व जज की निगरानी की मांग की जाती है. वहीं उन्होंने यह भी कहा कि शायद खुद खिलाड़ी भी नहीं जानते कि उनके नाम पर कुछ और भी चल रहा है.
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