प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन
वाशिंगटन और नई दिल्ली द्वारा शीत-युद्ध के मतभेदों को दूर करने के लिए एक ठोस प्रयास करने और भारत-प्रशांत तालमेल को आगे बढ़ाने की दिशा में अमेरिका-भारत साझेदारी एक स्थिर गति से आगे बढ़ रही है. इंडो-पेसिफिक रिलेशन को लेकर एक त्रैमासिक ई-कनेक्शन में लेख छपा है जिसमें भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय संबंधों पर रौशनी डाली गई है.
अखिल रमेश और माइकल रुबिन ने अपने लेख में कहा है कि जनवरी और अप्रैल 2023 के बीच चार महीनों में अमेरिका-भारत साझेदारी का विस्तार जारी रहा. उनके मुताबिक, “रक्षा, प्रौद्योगिकी और आर्थिक सहयोग के दायरे में काफी वृद्धि हुई है. बाइडेन प्रशासन का लोकतंत्र शिखर सम्मेलन, क्वाड बैठकें, दोनों देशों के विभिन्न विभागों के बीच हो रहीं बैठकें आदि इस बात की ओर इशारा करती हैं कि उच्चतम स्तर पर जुड़ाव में कोई कमी नहीं है.”
लेखक के मुताबिक भारत में वाणिज्य दूतावासों में वीजा बैकलॉग को कम करने के लिए राज्य सचिव एंटनी ब्लिंकन के काम के लिए उच्च-स्तरीय सहयोग के पूरक, लोगों से लोगों के बीच संबंधों में एक नया उत्साह दिखाई देगा. यह अधिक भारतीय छात्रों और पेशेवरों को अमेरिका की यात्रा करने और आसानी से वापस आने की अनुमति देगा.
लेख में कहा गया है कि सबसे बड़ा विकास दो देशों की सरकारों के बीच ही नहीं. बल्कि पब्लिक बिजनस इंटरेक्शन भी काफी मायने रखता है. अप्रैल 2023 में Apple ने भारत में अपना पहला स्टोर खोला. भारत में एप्पल के प्रवेश ने चीन की आपूर्ति श्रृंखलाओं के प्रभुत्व के विकल्प स्थापित करने और एक ऐसे देश में बाजार का बड़ा हिस्सा हासिल करने के प्रयास को प्रतिबिंबित किया, जो संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष के अनुसार, अब दुनिया की सबसे बड़ी आबादी है.
इंडो-पैसिफिक मामलों के लिए व्हाइट हाउस के समन्वयक, कर्ट कैंपबेल ने 2023 की शुरुआत में भारत को आगामी वर्ष के लिए प्रमुख अमेरिकी राजनयिक के रूप में चुना. एक कार्यक्रम में बोलते हुए, उन्होंने कहा, “हमारा हित यह देखना है कि हम जो कुछ भी कर रहे हैं, उसमें भारत एक बड़ी, जिम्मेदार भूमिका निभाए.”
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