सांकेतिक फोटो-सोशल मीडिया
Aliens News: एलियंस के बारे में जानने और सुनने के लिए अक्सर ही लोग रुचि रखते हैं और इसको लेकर सामने आने वाली खबरों को भी रुचि लेकर पढ़ते हैं. तो वहीं सोशल मीडिया पर वायरल एक खबर में एक भविष्यवक्ता के दावे ने लोगों को हैरान कर दिया है. उन्होंने हाल ही में दावा करते हुए कहा था कि ‘सरकारों और धार्मिक संगठन को 2026 और 2028 के बीच एलियंस की खोज के नैतिक निहितार्थों से जूझना पड़ेगा.
बता दें कि ये भविष्यवक्ता ब्राजील के 37 साल के एथोस सैलोमे हैं, जो कि जीवित नास्त्रेदमस के नाम से भी जाने जाते हैं. उन्होंने दावा किया है कि साल 2028 में इंसान मान चुके होंगे कि दूसरे ग्रहों पर जीवन का अस्तित्व है. इसी के साथ ही उन्होंने एक अन्य दावे में कहा है कि एलियंस के इंसानों से संपर्क को लेकर उनकी भविष्यवाणी की सच होने की शुरुआत हो चुकी है क्योंकि वैज्ञानिक शोध से पचा चला है कि एथोस की भविष्यवाणियां ज्यादा सच हो सकती हैं और जल्द ही इंसानों का एलियंस से संपर्क हो सकता है.
मालूम हो कि सैलोमे की कई भविष्यवाणियां पूर्व में सही साबित हो चुकी है. वह एक सेल्फ प्रोक्लेम्ड साइकिक हैं. दावा है कि उन्होंने पहले भविष्यवाणी की थी कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) बृहस्पति ग्रह के चांद यूरोपा के समुद्र की गहराई में जीवन की पहचान करेंगे. उन्होंने ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ की मौत, एलन मस्क के ट्विटर के अधिग्रहण और यूरो 2024 में स्पेन की जीत की भविष्यवाणी की थी, जो कि बाद में सही साबित हुई. तो वहीं इंसान के एलियंस से मिलने को लेकर उन्होने भविष्यवाणी करते हुए दावा किया है कि यह 2026 और 2028 के बीच होने की उम्मीद इसके साथ ही जिन जीवों को खोजा जाएगा, वो पृथ्वी पर हमारे लिए बायोलॉजिकली कॉम्प्लेक्स होंगे.
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जानें क्या है डार्क ऑक्सीजन?
खबरों के मुताबिक, इस सप्ताह के प्रारम्भ में प्रशांत महासागर के तल में आलू जैसी गांठों की खोज हुई है, जिससे इस बात को चुनौती मिली है कि धरती पर जीवन की शुरुआत कैसे हुई. इसको लेकर वैज्ञानिकों को मालूम हुआ है कि यह गांठें पूर्ण अंधकार में और जीवित जीवों की मदद के बिना ऑक्सीजन पैदा करती हैं. लाइवसाइंस की मानें तो वैज्ञानिकों ने इसे ‘डार्क ऑक्सीजन’ का नाम दिया है. शोध के प्रमुख एंड्रयू स्वीटमैन ने एक बयान में कहा है कि ग्रह पर एरोबिक जीवन की शुरुआत करने के लिए ऑक्सीजन होना चाहिए. अभी तक हम यही समझते हैं कि पृथ्वी की ऑक्सीजन आपूर्ति प्रकाश संश्लेषक जीवों से शुरू हुई लेकिन अब पता चला है कि गहरे समुद्र में जहां कोई रोशनी नहीं है वहां ऑक्सीजन मिली है. तो वहीं इसके सामने आने के बाद एरोबिक जीवन की शुरुआत कहां से हुई होगी? इसको लेकर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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