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OMG! सिगरेट की लत से हुआ परेशान, तो पिंजरे में लॉक कर लिया सिर, फिर जो हुआ…

Man Locked His Head In Cage: करीब 11 साल पहले एक ऐसी कहानी सामने आई थी जिसने सभी का ध्यान खींचा था. तुर्की के एक व्यक्ति इब्राहिम युसेल ने धूम्रपान छोड़ने के अपने अनोखे और चरम तरीके के लिए सुर्खियां बटोरीं.

Man Locked His Head In Cage

आदमी ने अपना सिर पिंजरे में बंद कर लिया

Man Locked His Head In Cage: किसी भी रूप में लत खतरनाक साबित होती है, खास तौर पर नशे की लत तो जानलेवा होती है. लोगों द्वारा सामना की जाने वाली कई लतों में से धूम्रपान को अक्सर सबसे कठिन माना जाता है. धूम्रपान छोड़ना एक बहुत बड़ी चुनौती है जिसके लिए जबरदस्त इच्छाशक्ति और समर्पण की आवश्यकता होती है. विभिन्न प्रयासों के बावजूद धूम्रपान करने वालों का केवल एक छोटा प्रतिशत ही अपनी निकोटीन की आदत से सफलतापूर्वक मुक्त होने में कामयाब होता है.

इब्राहिम युसेल का विचित्र प्रयास

करीब 11 साल पहले एक ऐसी कहानी सामने आई थी जिसने सभी का ध्यान खींचा था. तुर्की के एक व्यक्ति इब्राहिम युसेल ने धूम्रपान छोड़ने के अपने अनोखे और चरम तरीके के लिए सुर्खियां बटोरीं. अपनी 26 साल पुरानी धूम्रपान की आदत को छोड़ने के लिए युसेल ने असाधारण हद तक जाने का फैसला किया.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उसने अपने सिर को एक हेलमेट के आकार की धातु की गेंद में बंद कर लिया, इस उम्मीद में कि यह विचित्र उपकरण उसे सिगरेट छोड़ने में मदद करेगा. उसका यह काम धूम्रपान करने की अपनी इच्छा को नियंत्रित करने के उद्देश्य से किया गया था, साथ ही उसने अपनी पत्नी को पिंजरे की चाबी सौंप दी थी.

नशे की लत से लंबी लड़ाई

युसेल दो दशकों से प्रतिदिन दो पैकेट सिगरेट पी रहा था. उसने कई बार छोड़ने की कोशिश की थी, खास तौर पर अपने बच्चों के जन्मदिन और अपनी शादी की सालगिरह जैसे महत्वपूर्ण मौकों पर. हालाँकि, हर कोशिश अल्पकालिक थी, युसेल अक्सर कुछ ही दिनों में सिगरेट की लत में वापस आ जाता था.

उसका हेलमेट केज तरीका, हालाँकि तस्वीरों और वीडियो में व्यापक रूप से साझा किया गया, जल्दी ही वायरल हो गया, लेकिन यह स्पष्ट नहीं था कि इस कठोर उपाय ने उसे अपनी धूम्रपान की आदत को हमेशा के लिए छोड़ने में मदद की या नहीं.

धूम्रपान का वैश्विक प्रभाव

धूम्रपान के प्रभाव बहुत दूरगामी हैं, और इसके परिणाम धूम्रपान करने वाले से कहीं आगे तक फैले हुए हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हर साल 8 मिलियन से ज़्यादा लोग तंबाकू से जुड़ी वजहों से मरते हैं. इनमें से ज़्यादातर मौतें निम्न और मध्यम आय वाले देशों में होती हैं, जो अक्सर तंबाकू उद्योग द्वारा आक्रामक तम्बाकू विपणन और हस्तक्षेप का निशाना बनते हैं.

सेकेंड हैंड स्मोक भी एक बड़ी चिंता का विषय है, जो हर साल 1.2 मिलियन मौतों का कारण बनता है. दुखद बात यह है कि दुनिया भर में लगभग आधे बच्चे तंबाकू के धुएं के संपर्क में आते हैं, जिससे सेकेंड हैंड स्मोक से जुड़ी बीमारियों के कारण हर साल 65,000 बच्चों की मौत हो जाती है. इसके अलावा, गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान करने से शिशुओं को आजीवन स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, जो इस घातक लत के दूरगामी प्रभाव को उजागर करता है.


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-भारत एक्सप्रेस 



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