दुनिया का सबसे बूढ़ा मगरमच्छ हेनरी
World’s Oldest Crocodile Henry: क्या आपने कभी सुना है कि कोई मगरमच्छ 124 साल तक जिंदा रह सकता है? दक्षिण अफ्रीका के क्रॉकवर्ल्ड कंजर्वेशन सेंटर में रहने वाला हेनरी (Henry), दुनिया का सबसे उम्रदराज मगरमच्छ इन दिनों चर्चा में है. 1900 के आसपास जन्मे इस नाइल मगरमच्छ ने न केवल अपने विशाल आकार और ताकत से लोगों को चकित किया है, बल्कि एक समय अपनी डरावनी कहानियों से भी दहशत फैलाई थी. अब, अपनी उम्र से हेनरी ने अलग पहचान बना ली है.
हेनरी ने सोमवार (16 दिसंबर) को दक्षिण अफ्रीका के क्रॉकवर्ल्ड कंजर्वेशन सेंटर में अपना 124वां जन्मदिन मनाया. वह 1985 से इस संरक्षण केंद्र में रह रहा है और अब तक 10,000 से अधिक बच्चों का पिता बन चुका है. हेनरी का सफर 1903 में बोत्सवाना के ओकावांगो डेल्टा से शुरू हुआ. उसका जन्मदिन हर साल 16 दिसंबर को मनाया जाता है, हालांकि उसका सटीक जन्मदिन किसी को नहीं पता है. विशेषज्ञों का मानना है कि हेनरी का जन्म 1900 के आसपास हुआ होगा.
हेनरी का आतंक
हेनरी अपने बड़े नुकीले दांतों और विशाल शरीर के लिए जाना जाता है. वह 700 किलोग्राम वजनी और 16.4 फीट लंबा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, उसका शुरुआती जीवन बोत्सवाना के एक आदिवासी इलाके में बीता जहां उसकी काफी दहशत थी. कहा जाता है कि उसने कई आदमियों और बच्चों को खा लिया था.
हेनरी को एक हाथी शिकारी, सर हेनरी (Sir Henry) ने पकड़ा था और उसी के नाम पर उसका नाम रखा गया. पकड़े जाने के बाद, स्थानीय आदिवासी समूहों ने उसे आजीवन कैद की सजा सुनाई.
पिछले तीन दशकों से हेनरी दक्षिण अफ्रीका के क्रॉकवर्ल्ड कंजर्वेशन सेंटर में रह रहा है. यहां वह अपने विशाल आकार और उम्र से पर्यटकों को आकर्षित करता है. विशेषज्ञों का मानना है कि सुरक्षित माहौल में रहने से हेनरी इतनी लंबी उम्र तक जी सका. उसे न केवल सही खाना मिलता है बल्कि वह बीमारियों और दुर्घटनाओं से भी बचा हुआ है.
क्यों लंबा जीते हैं मगरमच्छ?
बायोलॉजिस्ट स्टीवन ऑस्टैड (Steven Austad) के अनुसार, हेनरी निश्चित रूप से बहुत बूढ़ा है. चाहे वह 100 साल का हो या 130 साल का, यह कहना मुश्किल है. लेकिन 124 साल की उम्र मगरमच्छ के लिए असंभव नहीं है. उन्होंने मजाक में कहा कि मगरमच्छ वैज्ञानिकों के करियर से भी ज्यादा लंबा जीते हैं. लेकिन मगरमच्छों के इतने लंबे जीवन के पीछे क्या कारण हो सकता है?
वैज्ञानिकों के अनुसार, नाइल मगरमच्छ के खून में मौजूद प्रोटीन में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं. यह उन्हें बीमारियों से लड़ने में मदद करता है. इसके अलावा, उनके पेट में मौजूद माइक्रोबायोम भी उनकी प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है.
नाइल मगरमच्छ सब-सहारन अफ्रीका के 26 देशों में पाए जाते हैं. ये हिंसक शिकारी हर साल सैकड़ों मौतों के लिए जिम्मेदार होते हैं. हेनरी, जो अब अपनी लंबी उम्र का प्रतीक बन चुका है, नाइल मगरमच्छों की ताकत और लंबी जिंदगी का बेहतरीन उदाहरण है.
-भारत एक्सप्रेस
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