Bharat Express

राजस्थान में ओवैसी का ये प्लान उड़ा देगा कांग्रेस की नींद!

AIMIM जिन 40 मुस्लिम बहुल सीटों पर फोकस कर रही है, वहां फिलहाल कांग्रेस का पलड़ा भारी है.

Owaisi

असदुद्दीन ओवैसी (फाइल फोटो)

Rajasthan Elections 2023: राजस्थान के चुनावी समर में तमाम राजनीतिक दल अपनी किस्मत आजमाने उतर रहे हैं. यहां मुख्य मुकाबला सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी और विपक्षी दल बीजेपी के बीच माना जा रहा है. वहीं ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी भी अपनी सियासी पतंग से राजनीति के पेंच लड़ाते हुए नजर आ रहे हैं. ओवैसी ने राजस्थान के रण में कूदने का ऐलान कर दिया है. ओवैसी पिछले साल से राजस्थान में काफी सक्रिय रहे हैं और वे मुस्लिमों से जुड़े मुद्दों को उठाकर बीजेपी के साथ-साथ कांग्रेस की गहलोत सरकार पर भी हमलावर रहे हैं. ओवैसी के राजस्थान के चुनावी समर में उतरने के ऐलान के बाद किसको फायदा होगा और किसको नुकसान, इसको लेकर अटकलें लगाई जाने लगी हैं.

क्या हैं ओवैसी के मुद्दे?

राजस्थान के दौरे पर ओवैसी मॉब लिंचिंग, बुलडोजर एक्शन, एनकाउंटर, हिजाब बैन और लव जिहाद जैसे मुद्दों पर बात करते रहे हैं और इसके जरिए वह मुस्लिम आबादी को अपने पक्ष में करने की कोशिश में जुटे हैं. हरियाणा के भिवानी कांड के पीड़ितों से मुलाकात के दौरान उन्होंने परिवार को आर्थिक मदद देते हुए जुनैद और नासिर को शहीद बताया था. तब ओवैसी ने कहा था कि हिंदू राष्ट्र बनाने वालों ने जुनैद और नासिर को मार दिया.

एक तरफ, ओवैसी मुस्लिम परिवारों को न्याय दिलाने की बात करते हैं, उनके लिए रोजगार की बात करते हैं लेकिन इन सबके बीच वह बीजेपी को हिंदू राष्ट्र और हिंदुत्व, जनसंख्या नियंत्रण, समान नागरिक संहिता जैसे मुद्दों पर भी घेरते रहे हैं. ये ऐसे मुद्दे हैं जिन्हें ओवैसी मुस्लिम समुदाय के बीच उठाते रहे हैं और उन्हें अपने पाले में करने की कोशिश करते रहे हैं. चाहे उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव हो या फिर गुजरात विधानसभा चुनाव, ओवैसी अपनी चुनावी रैलियों में इन तमाम मुद्दों को उठाते रहे हैं. अब इन्हीं मुद्दों के साथ एक बार फिर ओवैसी राजस्थान के चुनावी रण में उतरने जा रहे हैं. ऐसे में राजस्थान के मुस्लिम वोटर्स किस पर भरोसा करेंगे? ये देखने वाली बात होगी.

आंकड़ों पर गौर करें तो राजस्थान की करीब 40 सीटों पर मुस्लिम वोटर बड़ी भूमिका निभा सकते हैं. राजस्थान एआईएमआईएम के अध्यक्ष जमील खान की मानें तो पार्टी 30 से 40 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. उनका कहना है कि वे किसी को हराने के लिए नहीं लड़ रहे बल्कि खुद जीतने के लिए लड़ रहे हैं. अब ओवैसी की पार्टी राजस्थान के चुनावी रण में उतर रही है और उसकी नजरें मुस्लिम बहुल सीटों पर हैं तो जाहिर तौर पर नफे-नुकसान की बात होगी ही.

ये भी पढ़ें: राजस्थान में कांग्रेस के सामने चुनौतियां कम नहीं, कैसे बदलेगा 30 साल पुराना रिवाज?

40 सीटों पर AIMIM की नजरें

जिन 40 सीटों पर AIMIM की नजर है उनमें टोंक सिटी, मेवात की कामां, किशनगढ़ बास की तिजारा, शेखावटी की सीकर, जयपुर की हवामहल, किशनपोल, आदर्शनगर, कोटा उत्तर और सवाई माधोपुर की सीटें हैं. इनमें टोंक की सीट भी है जो सचिन पायलट का गढ़ रही है. सचिन पायलट को यहां गुर्जर समुदाय से वोट तो मिलता ही है, साथ ही मुस्लिम वोटर्स का भी समर्थन मिलता है और इसी कारण कांग्रेस नेता यहां बड़ी और आसान जीत हासिल कर पाते हैं. अब इस सीट पर भी ओवैसी की नजरें हैं और वे मुस्लिम वोटरों को साधने में जुटे हैं जबकि यहां बीजेपी गुर्जर वोटर्स पर नजरें जमाए हुए हैं.

कांग्रेस को मिली थीं ज्यादा सीटें

AIMIM जिन 40 मुस्लिम बहुल सीटों पर फोकस कर रही है, वहां फिलहाल कांग्रेस का पलड़ा भारी है. पिछले विधानसभा चुनावों में इनमें से 29 सीटें कांग्रेस के पाले में गई थीं और 7 पर बीजेपी को जीत मिली थी, जबकि 4 अन्य को मिली थीं. ऐसे में अगर ओवैसी की पार्टी यहां से चुनाव लड़ती है तो कांग्रेस को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है. हालांकि, कांग्रेस का कहना है कि ओवैसी की पार्टी के चुनाव लड़ने से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है.

-भारत एक्सप्रेस

 

Bharat Express Live

Also Read

Latest