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कड़े कानून के अभाव में आपकी निजता खतरे में डाल रहा है डिजीटल इंडिया!

गिरफ़्तारी के बाद यह भी खुलासा हुआ है कि साइबर गैंग के पास आर्मी, डॉक्टर्स, इंजीनियर्स और रियल एस्टेट से संबंधित डाटा भी बरामद हुआ है.

Cyber Crime

प्रतीकात्मक तस्वीर

इंटरनेट की दुनिया में आपको घर बैठे ऑनलाइन सुविधाएं उपलब्ध कराने वाली कंपनियां और संस्थान आपके डाटा की सुरक्षा को लेकर संवेदनशील नहीं है. यही वजह है कि आपकी निजी जानकारियां बेखौफ बेची जा रही हैं. आपके मोबाइल पर अनचाहे नंबरों से आने वाली फ़ोन कॉल इसी का परिणाम हैं. हैरानी की बात तो यह है की सरकार से लेकर टेलीफोन रेगुलेटरी ऑफ़ इंडिया (TRAI) तक ऐसे मामलों में सफ़ेद हाथी बनी हुई हैं. सख्त कानून के अभाव में आपकी प्राइवेसी से हर रोज समझौता हो रहा है.

सुरक्षित नहीं है आपकी जानकारी

ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर मिलने वाली सुविधाएं, आपकी संवेदनशील जानकारियां जुटा रही हैं. हैरानी की बात तो यह है कि जिन कंपनियों के माध्यम से आप अपने मोबाइल, ईमेल, आधार डिटेल्स, पैन कार्ड और अन्य संवेदनशील सूचनाएं साझा करते हैं, उन तमाम सूचनाओं को यह कंपनियां सहेज कर नहीं रख पा रही हैं. देश के निम्न स्तरीय कानूनी प्रावधानों के कारण आपका यह डाटा आसानी से साइबर ठगों तक पहुंच जाता है. खुले बाजार में बेची जा रही है आपकी यह जानकारी, आपकी निजता खतरे में डाल रही है. तेलंगाना पुलिस द्वारा पकड़े गए साइबर चोरों के गैंग से हुई पूछताछ के बाद यह खुलासा हुआ है.

तेलंगाना पुलिस ने पकड़ा गैंग

तेलंगाना पुलिस ने शनिवार को विनय भारद्वाज नामक आरोपी को गिरफ्तार किया. आरोप है कि इसने देश के 24 राज्यों में रहने वाले करीब 67 करोड़ नागरिकों का डाटा चोरी कर लिया है. जिसमे उनके बैंक खातों से लेकर आधार, पैन कार्ड, ईमेल, मोबाइल नंबर ही नहीं क्रेडिट और डेबिट कार्ड तक की जानकारी शामिल है. हैरानी की बात है कि आरोपी के पास से GST, आर्मी, बैंक और ई-कॉमर्स कंपनियों में साझा किया गया डाटा भी बरामद हुआ है.

संवेदनशील संस्थानों में लगाई सेंध

गिरफ़्तारी के बाद यह भी खुलासा हुआ है कि साइबर गैंग के पास आर्मी, डॉक्टर्स, इंजीनियर्स और रियल एस्टेट से संबंधित डाटा भी बरामद हुआ है. इस गैंग के सदस्य विभिन्न बैंकों और ई-कॉमर्स कंपनी से डाटा जुटाते थे. यह पूरा गोरखधंधा फरीदाबाद की “इंस्पायर वेब्ज” नामक कंपनी की वेबसाइट से चल रहा था. इस मामले में तीन बैंकों, एक इंटरनेट मीडिया कंपनी और सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी तक को नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए पेश होने को कहा गया है.

यहां का डाटा हुआ चोरी

जिन राज्यों के लोगों का डाटा चोरी किया गया है, उनमें सबसे ज्यादा 21 करोड़ से ज्यादा लोग उत्तर प्रदेश के निवासी हैं. इसके बाद दूसरे नंबर पर करीब पौने तीन करोड़ लोग राजधानी दिल्ली के रहने वाले हैं. इसके बाद आंध्र प्रदेश के 2.1 करोड़, राजस्थान के दो करोड़, पंजाब के डेढ़ करोड़, मध्य प्रदेश के 1.1 करोड़ और हरियाणा भी करीब एक करोड़ नागरिक शामिल हैं.

-भारत एक्सप्रेस

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