Bihar School Controversy
Bihar School Controversy: ठंड के मौसम में शिक्षा विभाग के एक फैसले ने बिहार की सियासत गरमा दी है. फैसले को लेकर सरकार की मंशा पर बड़े सवाल उठ रहे हैं और पूछा जा रहा है कि इस फैसले का मतलब क्या है, जब देश में कहीं भी ऐसा फैसला नहीं लिया गया है. बीजेपी इस फैसले से इतनी नाराज है कि वह नीतीश कुमार से मांग कर रही है कि अब नीतीश कुमार को बिहार को इस्लामिक राज्य बनाने की भी घोषणा करनी चाहिए.
बीजेपी ने नीतीश-लालू के खिलाफ खोला मोर्चा
दरअसल, बिहार सरकार ने एकेडमिक कैलेंडर जारी कर दिया है. इस कैलेंडर में रामनवमी और रक्षाबंधन की छुट्टी नहीं दी गई है लेकिन ईद-बकरीद पर अवकाश को बढ़ा दिया गया है. इसको लेकर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और अश्वनी चौबे समेत बीजेपी के कई अन्य नेताओं ने सीएम नीतीश और लालू यादव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बीजेपी ने इसे मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति करार दिया है.
कैलेंडर के मुताबिक, बिहार सरकार ने अब उर्दू स्कूलों में जुम्मा के दिन यानी शुक्रवार को साप्ताहिक छुट्टी दे दी है. यानी अब बिहार के जिन इलाकों में मुस्लिम आबादी ज्यादा है, यानी बहुसंख्यक हैं, वहां अब जुम्मा के दिन यानी शुक्रवार को साप्ताहिक अवकाश रहेगा. बता दें कि बिहार देश का पहला राज्य बन गया है जहां शुक्रवार को साप्ताहिक अवकाश घोषित किया गया है. गौरतलब है कि इस बार रामनवमी, शिवरात्रि, जन्माष्टमी, रक्षाबंधन पर स्कूलों की छुट्टियां कैंसिल कर दी गई हैं. इसके अलावा मकर संक्रांति, तीज, विश्वकर्मा पूजा और जितिया सहित दूसरे त्योहारों की छुट्टी को भी रद्द कर दिया गया है. वहीं ईद और बकरीद पर तीन-तीन का अवकाश दिया गया है. यही नहीं नए एकेडमिक कैलेंडर लिस्ट में गर्मी की छुट्टियां सिर्फ छात्रों को ही दी गई हैं. शिक्षक, प्रधानाध्यापक और दूसरे कर्मियों को स्कूल आना होगा. वो जरूरी शैक्षणिक कार्य और ऑफिस वर्क कंप्लीट करेंगे.
जुम्मा के दिन साप्ताहिक छुट्टी
नीतीश सरकार ने साफ-साफ निर्देश दिया है कि यह आदेश सिर्फ उर्दू स्कूलों या मकतबों के लिए नहीं है, बल्कि मुस्लिम बहुल इलाके में स्थित किसी भी सरकारी स्कूल में अब रविवार की जगह शुक्रवार को छुट्टी होगी. इसे लेकर शिक्षा विभाग की ओर से अधिसूचना भी जारी कर दी गई है, लेकिन यह भी साफ कर दिया गया है कि इसके लिए उस जिले के डीएम की अनुमति लेनी होगी. यानी अगर डीएम ने सहमति दे दी तो रविवार की जगह शुक्रवार को किसी भी स्कूल में छुट्टी घोषित की जा सकती है.
गिरिराज सिंह और सुशील मोदी ने सरकार को घेरा
नीतीश सरकार के इस फैसले के बाद बीजेपी ने जमकर निशाना साधा है. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, “जिस तरह से लालू यादव और नीतीश सरकार हिंदुओं पर हमला कर रही है. भविष्य में उन्हें मोहम्मद नीतीश और मोहम्मद लालू के नाम से जाना जाएगा. वहीं, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भी नीतीश-तेजस्वी की सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि कल देर रात नितीश सरकार ने हिन्दू विरोधी मानसिकता और हिन्दुओं को आघात करने वाला एक निर्णय लिया है.
सुशील मोदी ने भी नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि हिन्दू के जितने पर्व त्यौहार है उनको रद्द कर दिया गया है. दिवाली छठ की पूजा में भारी कटौती हुई है. चुन चुन कर हिन्दू के सभी पर्व को रद्द कर मुस्लिम के पर्व को बढ़ा दिया गया है. यह हिन्दू विरोधी मानसिकता का परिचायक है. बिहार के लोग चुप नहीं रहेंगे सड़कों पर आएंगे. यह जो तुगलकी फरमान है इसको भाजपा कदापि बर्दाश्त नहीं करेगी और इसको वापस लेने की मांग करते हैं.
भाजपा सिर्फ उन्माद की राजनीति करती है: जेडीयू
वहीं, जेडीयू नेता नीरज कुमार ने कहा कि जो गाइडलाइन जारी किया गया है. उसमें स्कूल की उपस्थिति 200 दिन से अधिक का होना चाहिए. दिवाली छठ होली क्या बंद है? छुट्टियों को रद्द करने का प्रयास कौन कर रही है, भाजपा कर रही है. भाजपा जो खुद ही छुट्टी कम करने के लिए राज्यों में जो पत्राचार कर रही है. भाजपा में तुष्टिकरण की पराकाष्ठा है. भाजपा सिर्फ उन्माद की राजनीति करती है विकास की राजनीति नहीं करती है.
बता दें कि किसी जिला विशेष में खास स्थिति होने पर जिलाधिकारी अवकाश घोषित करना चाहें तो उन्हें मुख्यालय स्तर पर शिक्षा विभाग से पहले अनुमति लेना जरूरी होगा. जिला शिक्षा पदाधिकारी अपने स्तर से कोई अवकाश घोषित नहीं कर सकेंगे. किसी भी सरकारी स्कूल में प्रिंसिपल अपने स्तर से विद्यालय में अवकाश की घोषणा नहीं कर सकेंगे. ऐसा होने की स्थिति में उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. यही नहीं स्कूलों वार्षिकोत्सव, गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, गांधी जयंती पर खास समारोह होंगे. स्कूल इस मौके पर खुलेंगे.
-भारत एक्सप्रेस