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पीएम मोदी का ये ‘मास्टर स्ट्रोक’ बिगाड़ सकता है गहलोत का खेल!

Rajasthan Assembly Elections: राजस्थान में इस वक्त अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार है जो लगातार दूसरी बार चुनाव जीतकर सत्ता की चाबी अपने हाथ में रखने की कोशिश में जुटी है

maru pradesh

पीएम नरेंद्र मोदी व सीएम अशोक गहलोत

Rajasthan Assembly Elections: राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में कांग्रेस-बीजेपी जोरशोर से जुटी हैं. दोनों ही दल अपनी जीत के लिए रणनीति तैयार कर रहे हैं. एक तरफ, सत्ताधारी दल कांग्रेस चुनावों से पहले लोकलुभावन घोषणाएं कर रही है. गहलोत सरकार (Ashok Gehlot Government) ने प्रदेश में 19 नए जिले बना दिए. तो अब इस बात की सुगबुगाहट तेज हो गई है कि केंद्र की मोदी सरकार राजस्थान में मरुप्रदेश बनाने का मास्टर स्ट्रोक खेल सकती है. संसद के नए सत्र के साथ ही सोशल मीडिया पर भी चर्चाएं तेज हो गई हैं कि देश में तीन नए राज्यों के गठन पर सरकार मुहर लगा सकती है.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि संसद का विशेष सत्र ऐतिहासिक और खास होगा. ऐसे में दावा किया जा रहा है कि इस सत्र के दौरान अयोध्या, मुंबई और मरुप्रदेश के गठन को लेकर सरकार बड़ा फैसला ले सकती है. अगर मरुप्रदेश बनता है तो इसमें राजस्थान के करीब 20 जिलों को शामिल किया जाएगा. दरअसल, मरुप्रदेश (Maru Pradesh) की मांग लंबे समय से उठती रही है. ऐसे में सियासी जानकारों का मानना है कि इस साल के आखिर में राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अगर ऐसा कुछ हुआ तो इसका फायदा बीजेपी को मिल सकता है.

सोशल मीडिया पर संसद के विशेष सत्र के शुरू होने के साथ ही मरुप्रदेश को लेकर मांग तेज होने लगी और अटकलें लगाई जाने लगी कि केंद्र सरकार तीन नए राज्यों के गठन का प्रस्ताव ला सकती है. हालांकि, इस मसले पर आधिकारिक तौर पर अभी कुछ नहीं कहा गया है.

‘मरुप्रदेश’ का ऐलान बदल सकता है चुनावी समीकरण!

बता दें कि राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने बजट सत्र में 19 नए जिलों का गठन का ऐलान किया था. इस फैसले के बाद यह कहा जाने लगा था कि गहलोत ने यह कदम वोटरों को लुभाने के लिए किया है. ऐसे में अगर ‘मरुप्रदेश’ (Maru Pradesh) अस्तित्व में आया तो इसका असर विधानसभा चुनावों पर भी पड़ेगा और वोटरों का एक बड़ा वर्ग बीजेपी के तरफ जा सकता है.

पहले भी उठती रही है मांग

मरूप्रदेश की मांग राजस्थान के अस्तित्व में आने के साथ से उठती रही है. कहा जाता है कि जब राजस्थान का गठन किया जा रहा था, उस समय तत्कालीन जोधपुर महाराज ने भी मरुप्रदेश बनाने की मांग का समर्थन किया था. तब अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर की सुरक्षा का हवाला देकर इस मांग को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था. वहीं उपराष्ट्रपति रहते हुए भैरोंसिंह शेखावत ने भी पत्र लिखकर मरुप्रदेश बनाने की मांग उठाई थी. तब भी इस पर गंभीरता से विचार नहीं किया गया था.

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लेकिन इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले एक बार फिर यह मांग जोर पकड़ रही है. ‘मरुप्रदेश’ में जोधपुर, जोधपुर ग्रामीण, बाड़मेर, बालोतरा, जालौर, हनुमानगढ़, बीकानेर, चूरू, श्रीगंगानगर, अनूपगढ़, झुंझुनू, डीडवाना, कुचामन, नीमकाथाना, नागौर, फलोदी, जैसलमेर, सांचौर और सिरोही जैसे जिलों को शामिल करने की मांग पहले से उठती रही है.

राजस्थान में इस वक्त अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार है जो लगातार दूसरी बार चुनाव जीतकर सत्ता की चाबी अपने हाथ में रखने की कोशिश में जुटी है. वहीं ‘मरुप्रदेश’ के गठन को लेकर उठ रही मांगों के बीच बीजेपी राजस्थान में सत्ता में वापसी की कोशिश कर रही है. अब देखने वाली बात है कि संसद के विशेष सत्र के दौरान क्या मोदी सरकार राज्यों से गठन से जुड़ा फैसली लेती या नहीं.

-भारत एक्सप्रेस

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