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सत्ता की चाहत या एकता का प्रदर्शन? वोटिंग से पहले सीएम अशोक गहलोत ने शेयर किया सचिन पायलट का VIDEO

पायलट ने कहा कि उनके पिता जीवन भर एक समर्पित कांग्रेसी रहे और प्रधानमंत्री के बयान सच्चाई से बहुत दूर थे और उनका उद्देश्य लोगों का ध्यान भटकाना था. गुर्जर समुदाय का पूर्वी राजस्थान के जिलों में प्रभाव है जहां पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अधिकांश सीटें जीती थीं.

अशोक गहलोत और सचिन पायलट

अशोक गहलोत और सचिन पायलट

Rajasthan Election: एकता दिखाने के लिए विधानसभा चुनाव से ठीक एक दिन पहले राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो पोस्ट किया है. इस वीडियो में उनके पूर्व डिप्टी सचिन पायलट लोगों से कांग्रेस को वोट देने की अपील कर रहे हैं. यह वीडियो इस लिए भी खास है कि सचिन पायलट और अशोक गहलोत में सत्ता संघर्ष बार-बार देखा गया है. पीएम मोदी ने भी कई बार इसका जिक्र किया है. बता दें कि राजस्थान विधानसभा के लिए शनिवार को मतदान होगा. पायलट का 1.51 मिनट का वीडियो गहलोत ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया है. वीडियो में पायलट लोगों से कांग्रेस को वोट देने की अपील करते नजर आ रहे हैं और कह रहे हैं कि फीडबैक, जनता की प्रतिक्रिया और मतदाताओं के रुझान से साफ पता चलता है कि उनकी पार्टी राज्य में फिर से सरकार बनाने जा रही है.

पायलट ने मतदाता से क्या कहा? 

वीडियो में पायलट ने कहा, “चुनाव अभियान के तहत हमने सैकड़ों बैठकें की हैं लेकिन कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहां हम कोशिश करने के बाद भी नहीं पहुंच पाए हैं, इसलिए मेरी आपसे विनम्र अपील है कि सभी को साथ लेकर चलें, विकास की गति को बनाए रखें.” राज्य. कांग्रेस के कामकाज के तरीके को बरकरार रखने के लिए जरूरी है कि हम सारी बातें भूलकर हाथ के निशान पर बटन दबाएं और सभी कांग्रेस उम्मीदवारों को जिताएं.” पायलट ने कहा, ”मैं उन सभी विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस उम्मीदवारों को जिताने की अपील करना चाहता हूं जहां मैं नहीं जा सका हूं.” उन्होंने आगे कहा कि यह जीत कांग्रेस के लोगों की जीत होगी. उन्होंने कहा, ”सरकार बनने के बाद कांग्रेस सरकार की योजनाओं को बंद करने की बीजेपी की योजना को हम सफल नहीं होने देंगे.”

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2018 के बाद से गहलोत और पायलट में रार

दिसंबर 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही मुख्यमंत्री पद को लेकर गहलोत और पायलट के बीच खींचतान चल रही है, जिसके कारण पायलट को 2020 में गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह का सहारा लेना पड़ा, जिससे राजनीतिक संकट पैदा हो गया. हालांकि, 2023 के विधानसभा चुनावों से पहले, पार्टी ने कहा कि चीजें सुलझा ली गई हैं और दोनों नेताओं ने कहा कि अतीत को भूल जाना चाहिए. गुरुवार को अपने चुनाव प्रचार के दौरान मोदी ने सचिन पायलट के साथ किए गए व्यवहार को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा.

उन्होंने कहा कि एक गुर्जर का बेटा जिसने कांग्रेस के लिए अपनी जान दे दी, उसे राजस्थान में पार्टी के सत्ता में आने के बाद दूध में पड़ी मक्खी की तरह निकाल दिया गया. पीएम मोदी ने सचिन पायलट के साथ वही व्यवहार करके उन्हें दंडित करने का भी आरोप लगाया था जो उनके पिता के साथ किया गया था, उन्होंने कहा था कि जो कोई भी सबसे पुरानी पार्टी में सच बोलता है उसे राजनीति से बाहर कर दिया जाता है. हालांकि, पीएम के इस टिप्पणी के बाद पायलट ने कहा कि उनकी पार्टी और लोगों के अलावा किसी और को उनकी चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है.

उन्होंने कहा कि उनके पिता जीवन भर एक समर्पित कांग्रेसी रहे और प्रधानमंत्री के बयान सच्चाई से बहुत दूर थे और उनका उद्देश्य लोगों का ध्यान भटकाना था. गुर्जर समुदाय का पूर्वी राजस्थान के जिलों में प्रभाव है जहां पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अधिकांश सीटें जीती थीं.

-भारत एक्सप्रेस

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