Sanatana Dharma: तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू-मलेरिया से करते हुए कहा था कि इसे खत्म कर देना चाहिए. उनके इस बयान के बाद देश में सियासी माहौल गरमाया हुआ है. भारतीय जनता पार्टी, हिंदूवादी संगठनों और संत-महात्माओं ने उदयनिधि के इस बयान को सनातन धर्म का अपमान बताया है. दूसरी तरफ, यूपी से लेकर महाराष्ट्र तक में उदयनिधि के खिलाफ FIR दर्ज हो रहे हैं.
तमिलनाडु के युवा कल्याण मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने हाल ही में सनातन उन्मूलन सम्मेलन के दौरान कहा था कि सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है. कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, उन्हें खत्म ही कर देना चाहिए. उदयनिधि ने कहा था कि हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते, हमें इसे खत्म करना है. इसी तरह हमें सनातन को भी मिटाना है. उनका ये बयान अब ‘इंडिया’ गठबंधन की मुश्किलों को बढ़ाता नजर आ रहा है.
अब बेटे के सनातन धर्म को लेकर दिए विवादित बयान के बाद एमके स्टालिन सफाई दे रहे हैं. उदयनिधि के बयान के बाद तमिलनाडु के सीएम बैकफुट पर नजर आने लगे हैं और मंदिरों में किए गए अभिषेक गिनाने में लगे हैं, मंदिरों की संपत्ति को वापस मंदिरों को सौंपने के काम गिनाने लगे हैं, पुनरुद्धार कार्यों को गिनाने लगे हैं. दूसरी तरफ, ‘सनातन’ पर जंग के बीच कांग्रेस, सपा, आरजेडी व अन्य दलों की चुप्पी इंडिया अलायंस की मुश्किलों को और बढ़ा रही है.
उदयनिधि का ये बयान बीजेपी और हिंदूवादी संगठनों को ही नहीं, आम आदमी पार्टी और शिवसेना (उद्धव गुट) को भी रास नहीं आ रहा है. उदयनिधि और दूसरे डीएमके नेताओं के सनातन धर्म को लेकर दिए बयान पर आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने प्रतिक्रिया देते हुए खुद को सनातनी बताया. राघव चड्ढा ने उदयनिधि स्टालिन के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि किसी पार्टी के कुछ छोटे नेताओं की टिप्पणी विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का आधिकारिक बयान नहीं हो सकती है.
डीएमके नेताओं के सनातन धर्म पर दिए बयानों को लेकर बीजेपी आक्रामक रुख अख्तियार किए हुए है. बीजेपी का आरोप है कि वोट बैंक की राजनीति के लिए सनातन धर्म पर हमला विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का गुप्त एजेंडा है. जेपी नड्डा ने यहां तक आरोप लगा दिया कि गठबंधन का गठन की सनातन धर्म का विरोध करने के लिए हुआ है.
बता दें कि डीएमके ‘इंडिया अलायंस’ का हिस्सा है. वहीं कांग्रेस, जेडीयू, आरजेडी, समाजवादी पार्टी और टीमएमसी जैसे दल भी इस गठबंधन का हिस्सा हैं, जिन पर बीजेपी अलग-अलग मुद्दों को उठाते हुए हिंदुओं का विरोध और तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाती रही है. राम मंदिर मुद्दे की बात हो, कर्नाटक हिजाब विवाद हो, तीन तलाक की बात हो, यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने की बात हो, जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 को हटाने की बात हो या फिर सीएए प्रोटेस्ट की बात हो… पिछले कुछ सालों में ये ऐसे मुद्दे रहे हैं जिन पर इन दलों के नेताओं की तरफ से विवादित बयानबाजी की गई है और इसे बीजेपी ने हिंदुओं का विरोध, तुष्टिकरण की राजनीति, राष्ट्रद्रोह और देश तोड़ने की कोशिश का आरोप लगाया है.
ऐसे में जब देश में लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर गहमा-गहमी बढ़ी हुई है, एनडीए के खिलाफ विपक्षी दल एकजुट होकर चुनाव लड़ने की जुगत में हैं, उस वक्त उदयनिधि और अन्य डीएमके नेताओं का सनातन धर्म को लेकर दिया गया बयान ‘इंडिया अलायंस’ की मुश्किलों में इजाफा कर सकता है.
-भारत एक्सप्रेस
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