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‘मामा का घर’, राज्याभिषेक से पहले वनवास…अपने बयानों से क्या संदेश दे रहे हैं शिवराज?

बुधवार को शिवराज सिंह चौहान ने अपने घर की तस्वीरें पोस्ट कीं, जिसका नाम उन्होंने “मामा का घर” रखा है. एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा कि इसके दरवाजे सभी के लिए खुले हैं.

शिवराज सिंह चौहान

MP Politics: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “कई बार राजतिलक होते-होते वनवास भी हो जाता है.” उनका यह बयान तब आया जब मोहन यादव को राज्य का मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद कई लोगों ने बीजेपी में उनकी भूमिका के बारे में अटकलें लगाईं हैं. दरअसल, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने नए आवास को ‘मामा का घर’ नाम दिया है. शिवराज सिंह चौहान ने सूबे के सीहोर जिले में आयोजित एक कार्यक्रम में महिलाओं को जवाब देते हुए यह बात कही. कार्यक्रम में कुछ महिलाओं ने कहा, “हमें छोड़ कर कहीं मत जाओ, मामा भैया.”

इस पर बीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “मैं कहीं नहीं जाऊंगा. मैं यहीं जिऊंगा और यहीं मरूंगा.” उन्होंने कहा कि बच्चे इस कार्यक्रम में अपनी ‘मां’ के लिए आये हैं. चार बार के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज ने मध्य प्रदेश की सत्ता पर 16 सालों तक राज किया है. वो देशभर में ‘मामा’ के नाम से जाने जाते हैं.

बता दें कि जब से मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनी है, शिवराज सिंह चौहान लगातार सुर्खियों में रहे हैं. सूबे में सरकार की कमान मोहन यादव को सौंपने के बाद शिवराज कभी ट्रैक्टर चलाते नजर आ जाते हैं तो कभी अपनी ‘लाडली बहनों’ के बीच. इस बार शिवराज सिंह चौहान की चर्चा उनके नए आवास के नाम और बयान को लेकर हो रही है.

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बयान में कसक भी और भविष्य की उम्मीद भी

उनका यह बयान 17 नवंबर के विधानसभा चुनावों में जीत के बाद तीन बार के विधायक मोहन यादव को सीएम बनाने के एक महीने बाद आया है. राजनीतिक पंडितों का कहना है कि शिवराज सिंह चौहान बड़े राजनीतिक संदेश दे रहे हैं. शिवराज के इस सामान्य से दिखने वाले बयान के अपने निहितार्थ हैं. इसमें कसक है तो भविष्य की उम्मीद भी, जनसेवा का संकल्प है तो मामा वाली इमेज को सहेजने का रोडमैप भी है. शिवराज अपनी इमेज को सहेजने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं.

शिवराज ने कहा है कि कहीं नहीं जाऊंगा, यहीं रहूंगा, कभी-कभी राजनीति में वनवास भी हो जाता है. इससे अब सवाल उठने लगे हैं कि आखिर शिवराज के मन में क्या है? दरअसल, शिवराज ऐसे नेता नहीं हैं कि जिसे आसानी से किनारे लगा दिया जाए. चुनाव के बाद भी कई बार वो कह चुके हैं कि ‘मामा’ और ‘भाई’ का घर सभी के लिए खुला है. इसका मतलब है कि वो महिलाओं और युवा वोटर्स से सीधे कनेक्ट कर पा रहे हैं.

दूसरी ओर वो लगातार कह रहे हैं कि राज्य में बीजेपी ने जो भी वादे किए हैं वो पूरा करेगी. उन्होंने कहा है कि किसानों से किए गए वादे भी पूरे किए जाएंगे. लाडली बहन योजना, लाडली बहन आवास योजना और एक परिवार एक रोजगार जैसी योजनाएं, इन सभी कार्यों को नई सरकार आगे बढ़ाएगी.” इस दौरान सीएम चौहान ने यह भी कहा, “कभी-कभी राज्याभिषेक से पहले कोई वनवास जाता है, लेकिन यह किसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए किया जाता है. और आप चिंता न करें, मेरा जीवन लोक कल्याण के लिए है और इसीलिए मैं इस धरती पर आया हूं.”

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‘मामा का घर’

बुधवार को शिवराज सिंह चौहान ने अपने घर की तस्वीरें पोस्ट कीं, जिसका नाम उन्होंने “मामा का घर” रखा है. एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा कि इसके दरवाजे सभी के लिए खुले हैं. शिवराज सिंह चौहान का सरकारी आवास भोपाल के पॉश 74 बंगले इलाके में लिंक रोड नंबर 1 पर स्थित है.
शिवराज ने कहा है, “पता बदल गया है, लेकिन ‘मामा का घर’ अभी भी मामा का घर है. मैं एक भाई और मामा की तरह आपसे जुड़ा रहूंगा. मेरे घर के दरवाजे आपके लिए हमेशा खुले रहेंगे.” उन्होंने आगे कहा, “जब भी तुम्हें मेरी याद आए या मेरी जरूरत हो तो बेझिझक घर आ जाना, आखिर यह तुम्हारे मामा और भाई का घर है.”

भाजपा की राज्य में शानदार जीत

नवंबर 2023 के मध्य प्रदेश चुनावों में भाजपा ने 230 विधानसभा सीटों में से 163 सीटें हासिल कीं. शानदार जीत दर्ज की और केंद्रीय राज्य में सत्ता बरकरार रखी. विपक्षी कांग्रेस 66 विधानसभा क्षेत्रों में जीत के साथ दूसरे स्थान पर खिसक गई, जबकि एक सीट भारत आदिवासी पार्टी ने जीती.भले ही मोहन यादव को राज्य की कमान सौंपी गई है. लेकिन अब भी वो जनता से सीधे तौर पर बने हुए हैं. राजनीतिक पंडितों का मानना है कि शिवराज सिंह चौहान लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी के हाईकमान को अपना वर्चस्व दिखा रहे हैं.

-भारत एक्सप्रेस

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