चंदा कोचर
Videocon Loan Fraud: बॉम्बे हाई कोर्ट ने ICICI बैंक-वीडियोकॉन लोन धोखाधड़ी मामले में सीबीआई की गिरफ्तारी के बाद बैंक की पूर्व CEO चंदा कोचर (Chanda Kochar) और दीपक कोचर को न्यायिक हिरासत से रिहा करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने इस गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताया. हाई कोर्ट ने चंदा कोचर और दीपक कोचर को एक-एक लाख रुपए की नकद जमानत पर रिहा करने की अनुमति दी. हालांकि, सीबीआई ने रिहा करने का विरोध किया. लेकिन कोर्ट ने ICICI की पूर्व CEO को रिहा करने का आदेश दे दिया. बता दें कि सीबीआई ने 23 दिसंबर को चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को गिरफ्तार किया था.
चंदा कोचर पर आरोप है कि आईसीआईसीआई बैंक की कमान संभालने के दौरान, उन्होंने वीडियोकॉन ग्रुप को लोन दिया था और इसके एवज में उनके पति दीपक कोचर की कंपनी न्यूपावर रिन्यूएबल्स को वीडियोकॉन से निवेश मिला था. मई 2020 में प्रवर्तन निदेशालय ने चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर से करोड़ों के लोन और इससे जुड़े मामले में पूछताछ की थी.
दरअसल, आरोप है कि चंदा कोचर के नेतृत्व में आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन ग्रुप को 3,250 करोड़ का लोन दिया, इसके छह महीने बाद वेणुगोपाल धूत के स्वामित्व वाली मेसर्स सुप्रीम एनर्जी ने मैसर्स न्यूपावर रिन्यूएबल्स को 64 करोड़ का लोन दिया. सीबीआई ने चंदा कोचर पर पूछताछ में सहयोग न करने का भी आरोप लगाया था.
CBI ने वेणुगोपाल धूत को भी किया था गिरफ्तार
चंदा कोचर और दीपक कोचर की गिरफ्तारी के तीन दिन बाद आईसीआईसीआई बैंक लोन फ्रॉड केस में CBI ने बड़ी कार्रवाई करते हुए Videocon के मालिक वेणुगोपाल धूत (Venugopal Dhoot) को गिरफ्तार कर लिया था. ICICI बैंक और वीडियोकॉन के शेयर होल्डर अरविंद गुप्ता ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, प्रधानमंत्री और सेबी को एक पत्र लिखकर वीडियोकॉन के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत और ICICI की सीईओ व एमडी चंदा कोचर पर एक-दूसरे को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया था. वहीं, अपने ऊपर लगे आरोपों के बाद 2018 में चंदा कोचर ने आईसीआईसीआई बैंक के सीईओ और एमडी के पद से इस्तीफा दे दिया था.
-भारत एक्सप्रेस