पीएम ने कहा- अंतर्मन की चीजें उनको चैन से सोने भी नहीं देतीं. 2004 से 2014 आजादी के बाद सबसे अधिक घोटालों का दशक रहा. वही 10 साल कश्मीर से कन्याकुमारी, भारत के हर कोने में आतंकी हमले होते रहे. यही सूचना चलती रही कि अनजानी चीज को हाथ मत लगाना. 10 साल में कश्मीर से नॉर्थ ईस्ट तक हिंसा ही हिंसा. ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर भारत की आवाज इतनी कमजोर थी कि दुनिया सुनने को तैयार नहीं थी. इनकी निराशा का कारण ये भी है कि आज जब देश के 140 करोड़ लोगों को सामर्थ्य खिल रहा है. 4 से 14 तक इन्होंने वो अवसर गंवा दिया और हर मौके को मुसीबत में पलट दिया.