सुप्रीम कोर्ट ने यूपी राज्य के महानिदेशक कारागार को व्यक्तिगत हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है कि क्या यूपी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन किया है? जिसमें कहा गया है कि राज्य बिना किसी आवेदन के अपनी नीति के संदर्भ में समय से पहले रिहाई पर विचार करने के लिए बाध्य है।
CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि यूपी राज्य के डीजी एक व्यक्तिगत हलफनामा दायर करेंगे जिसमें विवरण दिया जाएगा। पहला ये कि रशीदुल मामले के फैसले के अनुसरण करते हुए क्या कदम उठाए गए, उन कदमों की संख्या और संस्थागत व्यवस्थाएं क्या हैं।
दूसरा जिलेवार कितने अपराधी समय से पहले रिहाई के पात्र हैं?
तीसरा राशिदुल जफर के फैसले के बाद से कितने मामलों में समय से पहले रिहाई के लिए विचार किया गया है?
चौथा कितने मामले लंबित हैं?
पांचवा किस समय अवधि में कब तक मामलों पर विचार किया जाएगा।
यूपी राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण को नोटिस जारी किया गया।
CJI ने कहा कि हम वकील ऋषि मल्होत्रा को इस मामले में न्यायमित्र नियुक्त करते हैं।
CJI ने कहा कि हम राज्य कानूनी सेवाओं को सभी जेलों का दौरा करे और ऐसे सभी कैदियों आदि के बारे में पता लगाए। हम इसे सुव्यवस्थित करेंगे।