
Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2025 में वरिष्ठ नागरिकों के लिए कई महत्वपूर्ण कर राहत उपायों की घोषणा की है. इनमें ब्याज आय पर उच्च कर कटौती सीमा और चुनिंदा बचत योजनाओं के लिए निकासी नियमों में ढील शामिल है. संसद में बजट पेश करते हुए उन्होंने बताया कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज आय पर कर कटौती की सीमा ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1 लाख कर दी गई है.
इसके अलावा, किराये के भुगतान पर स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) की सीमा को ₹2.40 लाख से बढ़ाकर ₹6 लाख प्रति वर्ष कर दिया गया है. इससे वरिष्ठ नागरिकों के लिए कर अनुपालन प्रक्रिया को सरल बनाने में मदद मिलेगी. साथ ही, टीडीएस दरों को युक्तिसंगत बनाकर अनुपालन को और आसान बनाने का प्रस्ताव दिया गया है.
वित्त मंत्री ने कहा, “कई वरिष्ठ और अति वरिष्ठ नागरिकों के पास बहुत पुराने राष्ट्रीय बचत योजना (NSS) खाते हैं, जिन पर अब ब्याज नहीं मिलता. इसलिए, 29 अगस्त 2024 या उसके बाद यदि कोई व्यक्ति एनएसएस से निकासी करता है, तो उसे कर में छूट दी जाएगी.”
इसके अतिरिक्त, एनपीएस वात्सल्य खातों को अब नियमित राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) खातों के समान ही कर लाभ मिलेगा, जो समग्र सीमा के अधीन रहेगा. इससे वरिष्ठ नागरिकों को उनकी सेवानिवृत्ति योजनाओं में और अधिक सहूलियत मिलेगी.
वरिष्ठ नागरिकों के लिए कर छूट में कोई बदलाव नहीं
फिलहाल, वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पुरानी और नई दोनों कर व्यवस्थाओं के तहत वरिष्ठ नागरिकों की मूल छूट सीमा ₹3 लाख प्रति वर्ष ही रखी गई है. वहीं, अति वरिष्ठ नागरिकों (80 वर्ष या उससे अधिक उम्र के) के लिए यह छूट ₹5 लाख प्रति वर्ष है, लेकिन यह केवल पुरानी कर व्यवस्था के अंतर्गत ही उपलब्ध है.
इस वर्ष वरिष्ठ नागरिकों को उम्मीद थी कि सरकार बढ़ती महंगाई को देखते हुए इस छूट सीमा को बढ़ाएगी, लेकिन बजट 2025 में इस पर कोई बदलाव नहीं किया गया. हालांकि 75 वर्ष और उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए, जिनकी आय केवल पेंशन और बचत पर मिलने वाले ब्याज तक सीमित है, उनके लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की अनिवार्यता को पहले की तरह समाप्त रखा गया है.
वित्त मंत्री ने कहा कि उनके कर प्रस्तावों का उद्देश्य “व्यवसाय को आसान बनाना, स्वैच्छिक अनुपालन को प्रोत्साहित करना और करदाताओं पर अनुपालन का बोझ कम करना है.”
साथ ही मध्यम वर्ग पर विशेष ध्यान देते हुए व्यक्तिगत आयकर सुधार, टीडीएस और टीसीएस को सरल बनाना और रोजगार व निवेश को बढ़ावा देना प्राथमिकता में शामिल है.
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-भारत एक्सप्रेस
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