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BharatPe के को-फाउंडर Ashneer Grover पर फैमिली समेत ₹81 करोड़ के फ्रॉड का केस दर्ज

इकोनॉमिक ऑफेंस विंग ने ग्रोवर और उनकी फैमिली के खिलाफ एक -2 नहीं बल्कि पूरे 81 करोड़ के प्रॉड का मामला दर्ज किया है.

ASHNEER

प्रतीकात्मक तस्वीरें

Ashneer Grover  : अशनीर ग्रोवर की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है. BharatPe कंपनी और उनके को फाउंडर अश्नीर केबीच विवादों की खाई और गहरी होती चली जा रही है. इस मामले में अब एक नया अपडेट आया है. अब इकोनॉमिक ऑफेंस विंग ने ग्रोवर और उनकी फैमिली के खिलाफ एक -2 नहीं बल्कि पूरे 81 करोड़ के प्रॉड का मामला दर्ज किया है. ये मामला भी भारतपे फिनटेक कंपनी की सिकायत के बाद दर्ज हुआ है और इसमें अशनीर और उनकी पत्नी के साथ परिवार के कुछ सदस्यों, जिसमें दीपक गुप्ता, सुरेश जैन और श्वेतांक जैन का नाम शामिल है.

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क्या है पूरा मामला –

ये मामला पिछले साल अशनीर ग्रोवर की कोटक बैंक के स्टाफ के साथ दुर्व्यवहार के ऑडियो क्लिप वायरल के साथ शुरू हुआ था. फिर फरवरी, 2022 में माधुरी जैन को हेरा-फेरी के आरोपों में कंपनी से बर्खास्त कर दिया गया था. माधुरी पर पर्सनल ब्यूटी ट्रीटमेंट, इलेक्ट्रॉनिक आइटम की खरीद और परिवार के साथ दुबई की यात्रा में कंपनी के फंड का इस्तेमाल करने का आरोप है. इसके बाद अशनीर ग्रोवर ने भी 1 मार्च, 2022 को एक चिट्ठी जारी कर कंपनी से इस्तीफा दे दिया था. माधुरी के ऊपर लगे आरोपों में उनके भाई श्वेतांक जैन का भी नाम शमिल है. आरोप है कि श्वेतांक ने हेरा-पेरा के कामों में माधुरी की मदद की.

इन सबसे बाद दिसंबर, 2022 में कंपनी के फंड में भारी हेराफेरी को लेकर भारतपे ने अशनीर ग्रोवर, उनकी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर और उनके रिश्तेदारों के खिलाफ सिविल और क्रिमिनल केस की शुरूआत की थी. भारत पे ने आरोप लगाते हुए ग्रोवर से ब्याज समेत 88.6 करोड़ रुपये का भुगतान करने की मांग की थी. भारत पे का कहना है कि अश्नीर और उनकी पत्नी ने फर्जी बिल बनाने, वेंडर पेमेंट और निजी इस्तेमाल जैसे तरीकों से कंपनी को ठगा.  कंपनी ने सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (CIAC) के नियमों के तहत मध्यस्थता अर्जी दायर करते हुए अश्नीर से पैसों की वापसी और संस्थापक पद वापस करने की बात कही थी.

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