इस सप्ताह 8 नई पब्लिक ऑफरिंग (IPOs) के साथ, भारत के कॉर्पोरेट क्षेत्र ने आईपीओ, क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट्स (QIPs) और राइट्स इश्यूज के माध्यम से ₹3 लाख करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है. यह आंकड़ा 2021 के रिकॉर्ड ₹1.88 लाख करोड़ से 64% अधिक है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह सकारात्मक रुझान 2025 में भी जारी रहेगा.
इस सप्ताह के दौरान डीएएम कैपिटल एडवाइजर्स, वेंटिव हॉस्पिटैलिटी, करारो इंडिया, सेनोरस फार्मास्यूटिकल्स, ट्रांसरेल लाइटिंग, कोंकॉर्ड एनवाइरो सिस्टम्स, सनाथन टेक्सटाइल्स और ममता मशीनरी जैसी कंपनियां पब्लिक ऑफरिंग लॉन्च करने जा रही हैं. सोमवार को इन्वेंट्युरस नॉलेज सॉल्यूशन्स ने अपना इश्यू बंद किया, और अंतर्राष्ट्रीय जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट मंगलवार को अपना इश्यू समाप्त करेगा. कुल मिलाकर, इन दस कंपनियों के माध्यम से ₹14,000 करोड़ जुटाने का लक्ष्य रखा गया है.
फंडिंग विस्तार योजनाओं के लिए
विशेषज्ञों के अनुसार, 2024 में भारत के कॉर्पोरेट क्षेत्र द्वारा की गई यह बड़ी फंडरेजिंग इस बात का संकेत है कि कंपनियां अगले साल की संभावित आर्थिक वृद्धि को ध्यान में रखते हुए अपने पूंजीगत व्यय के लिए फंड जुटा रही हैं. IIFL कैपिटल के कॉर्पोरेट फाइनेंस प्रमुख, पिनक भट्टाचार्य ने कहा, “भारत की मजबूत मैक्रोइकोनॉमिक स्थिति, सशक्त इक्विटी बाजार और स्थिर नीतियों ने निवेशकों का विश्वास बढ़ाया है, जिससे फंडिंग में इजाफा हुआ है.”
कैपेक्स और विकास अवसरों पर फोकस
विशेषज्ञों का मानना है कि इस फंडिंग के माध्यम से कंपनियां अपनी बुनियादी ढांचे को आधुनिक बनाने, संचालन का विस्तार करने और उभरते हुए क्षेत्रों में अवसरों का लाभ उठाने के लिए तत्पर हैं. DAM Capital, जो इस सप्ताह अपना पहला सार्वजनिक इश्यू लॉन्च कर रहा है, इस प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है.
रिकॉर्ड फंडरेजिंग की प्रवृत्ति
अब तक 2024 में 90 कंपनियों ने ₹1.62 लाख करोड़ की फंडरेजिंग की घोषणा की है, जो पिछले साल की ₹49,436 करोड़ की तुलना में 2.2 गुना अधिक है. पिछले रिकॉर्ड के मुताबिक, 2021 में 63 कंपनियों ने ₹1.18 लाख करोड़ जुटाए थे.
इस वर्ष के शुरुआती रिकॉर्ड के अनुसार, ₹43,300 करोड़ की तुलना में ₹70,000 करोड़ से अधिक की राशि जुटाई जा चुकी है.
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