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फिनटेक यूनिकॉर्न Ppro की निगाहें भारतीय बाजार पर टिकीं, जापान में भी विस्तार की तैयारी

2006 में स्थापित, Ppro ऑनलाइन सेवाओं और ई-कॉमर्स साइटों को विभिन्न भुगतान विकल्पों को एक्सेप्ट करने में मदद करता है.

fintech unicorn

पीप्रो के CEO साइमन ब्लैक

ब्रिटेन की पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर फिनटेक यूनिकॉर्न Ppro, भारत में विस्तार की राह देख रही है. कंपनी की कोशिश भारत में अपनी जमीन तैयार करना और साथ ही साथ जापान में सक्रिय तौर पर अपनी भूमिका तय करना है. भारत में अपनी लॉन्चिंग के दौरान Ppro ने पिछले सप्ताह नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया की अंतर्राष्ट्रीय शाखा के साथ भागीदारी की, जो यूनाइटेड पेमेंट्स इंटरफ़ेस (UPI) के मालिक हैं. यह भारत की रीयल-टाइम भुगतान प्रणाली है जो सभी घरेलू भुगतानों का 60% हिस्सा संभालती है.

2016 में लॉन्च किए गए, UPI के 325 मिलियन से अधिक सक्रिय उपयोगकर्ता हैं, जो 390 बैंकों और Google Pay, PhonePe और Paytm जैसे 100 से अधिक थर्ड पार्टी ऐप का उपयोग करते हैं. पीप्रो के CEO साइमन ब्लैक ने हाल ही में एक ऑनलाइन साक्षात्कार में कहा, “हम भारत में सीमा पार ई-कॉमर्स के लिए भुगतान तंत्र के रूप में यूपीआई को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनाने में तेजी लाने जा रहे हैं. हम (भारत में) अपनी उपस्थिति बढ़ाने की उम्मीद करते हैं.”

2006 में स्थापित, Ppro ऑनलाइन सेवाओं और ई-कॉमर्स साइटों को विभिन्न भुगतान विकल्पों को एक्सेप्ट करने में मदद करता है. वर्तमान में इसके सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया में कार्यालय हैं.

जानकारी के मुताबिक, इसका अधिकांश व्यवसाय अन्य भुगतान सेवा प्रदाताओं या PSP के लेनदेन से आता है. इनमें पेपाल, स्ट्राइप और ग्लोबल पेमेंट्स जैसी कंपनियां शामिल हैं.

-भारत एक्सप्रेस

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