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इस सप्ताह FPI प्रवाह सकारात्मक रहा, छोटे कारोबारी सप्ताह के बावजूद 8500 करोड़ रुपये का निवेश हुआ: NSDL

नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) के आंकड़ों के अनुसार, छुट्टियों के कारण कम कारोबारी सप्ताह के बावजूद, विदेशी निवेशकों ने भारतीय इक्विटी में लगभग 8,500 करोड़ रुपये डाले.

FPI

प्रतीकात्मक तस्वीर

नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) के आंकड़ों के अनुसार, छुट्टियों के कारण कम कारोबारी सप्ताह के बावजूद, विदेशी निवेशकों ने भारतीय इक्विटी में लगभग 8,500 करोड़ रुपये डाले. भारतीय शेयर बाजारों में सप्ताह के दौरान सकारात्मक विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) प्रवाह देखा गया, भले ही सोमवार और शुक्रवार को छुट्टियों के कारण केवल तीन दिन – मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को ही कारोबार हुआ. नए निवेश से विदेशी निवेशकों की वापसी का संकेत मिलता है, जो पिछले कुछ महीनों से इक्विटी सेगमेंट में बिकवाली कर रहे थे, जिससे बाजारों को सप्ताह के अंत में सकारात्मक रुख अपनाने में मदद मिली.

इस प्रवाह के पीछे एक मुख्य कारण अमेरिकी डॉलर का कमजोर होना है. जैसे-जैसे डॉलर में गिरावट आती है और भारतीय रुपये जैसी मुद्राएं मजबूत होती हैं, FPI के लिए अमेरिका से भारत जैसे देशों में अपना निवेश स्थानांतरित करना अधिक आकर्षक और आसान हो जाता है.

व्हाइटओक कैपिटल के कार्यकारी निदेशक और सीईओ आशीष पी सोमैया ने एएनआई को बताया, “यूएसए टैरिफ और वैश्विक मंदी का सकारात्मक असर दो गुना है. एक तो यह डॉलर में गिरावट और रुपये जैसी उभरती हुई बाजार मुद्राओं की मजबूती के साथ आता है – जिससे एफपीआई के लिए यूएसए से भारत जैसे बाजारों में पैसा लगाना आसान हो जाता है.”

उन्होंने आगे कहा, “इसके अलावा यह आरबीआई को आसान मौद्रिक और ऋण स्थितियों को चलाने के लिए छूट देता है. साथ ही चीन और यूएसए दोनों के साथ वैश्विक आर्थिक परिदृश्य को देखते हुए, किसी भी मामले में भारत जैसे घरेलू बाजार अधिक प्रवाह को आकर्षित करेंगे.”

FPI ने भारतीय इक्विटी से 23,103 करोड़ रुपये निकाले हैं

हालांकि, इस सप्ताह (15 अप्रैल-17 अप्रैल) के मजबूत इनफ्लो के बावजूद अप्रैल में कुल एफपीआई गतिविधि नकारात्मक क्षेत्र में बनी हुई है. अप्रैल में अब तक, एफपीआई ने भारतीय इक्विटी से 23,103 करोड़ रुपये निकाले हैं. 2025 के लिए व्यापक तस्वीर भी नकारात्मक प्रवृत्ति दिखाती है. इस साल इक्विटी बाजार से कुल 1,39,677 करोड़ रुपये का शुद्ध ऑउटप्लो हुआ है.

हालांकि हालिया निवेश से कुछ राहत मिली है, लेकिन बाजार पर्यवेक्षक इस बात पर बारीकी से नजर रखेंगे कि क्या यह प्रवृत्ति आने वाले सप्ताहों में जारी रहेगी या फिर वैश्विक अनिश्चितताएं एक बार फिर निवेशकों की भावनाओं को प्रभावित करेंगी.

-भारत एक्सप्रेस



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